
कुचामन सिटी, जो नागौर लोकसभा व नवगठित डीडवाना-कुचामन जिले का सबसे प्रगतिशील व आधुनिक सुविधाओं से युक्त शहर है, को रेल सुविधाओं में लगातार नजरअंदाज किया जा रहा है।

कुचामन जो शिक्षा, सैनिक व मेडिकल कोचिंग के क्षेत्र में प्रदेश ही नहीं पूरे देश में पहचान रखता है। वहां देशभर से हजारों विद्यार्थी अध्ययनरत हैं। इसके अलावा लाखों प्रवासी विभिन्न राज्यों में कार्यरत हैं, लेकिन रेलवे की अनदेखी से यह क्षेत्र ठहराव की सुविधा से वंचित है।


दक्षिण भारत की ट्रेनों का ठहराव नहीं, प्रवासियों को हो रही परेशानी
कुचामन सिटी रेलवे स्टेशन जोधपुर-जयपुर मार्ग के मध्य स्थित है, लेकिन वर्तमान में यहां से दक्षिण भारत की तरफ जाने वाली एक भी ट्रेन का ठहराव नहीं है। जबकि यहां के हजारों प्रवासी, मजदूर और विद्यार्थी लगातार इन मार्गों पर आवागमन करते हैं। स्थानीय जनता की लगातार मांग और दबाव के बावजूद जोधपुर मंडल व जोन मुख्यालय ने कुचामन स्टेशन पर 6 ट्रेनों के ठहराव के प्रस्ताव बनाकर रेल मंत्री के पास भेजे हैं। लेकिन स्थानीय सांसद, विधायक और अन्य जनप्रतिनिधियों की उदासीनता के चलते अभी तक इन प्रस्तावों को स्वीकृति नहीं मिल पाई है।
रेलवे को हो रही अधिक आय, फिर भी ठहराव से वंचित
कुचामन सिटी रेलवे स्टेशन, प्रति ट्रेन न्यूनतम आय के मानक 16,674 रुपये से कहीं अधिक 18,721 रुपये प्रति ट्रेन प्रतिदिन की आय रेलवे को प्रदान कर रहा है।
जोधपुर मंडल द्वारा भेजी गई वाणिज्यिक औचित्यपूर्ण रिपोर्ट में स्पष्ट है कि कुचामन स्टेशन की आय जोधपुर मंडल के अन्य महत्वपूर्ण स्टेशनों जैसे मेड़ता रोड (12,117 रुपये), डेगाना (9,396 रुपये), रेण (4,627 रुपये), गोटन (8,390 रुपये), नावा (12,697 रुपये) और लूणी (6,856 रुपये) से कहीं अधिक है। इसके बावजूद कुचामन को ठहराव की सुविधा नहीं मिल रही है।
जोधपुर मंडल द्वारा भेजे गए ठहराव प्रस्ताव की स्थिति
जोधपुर मंडल द्वारा स्थानीय जनता और जनप्रतिनिधियों की मांग पर जिन ट्रेनों के ठहराव के प्रस्ताव भेजे गए हैं, वे इस प्रकार हैं:
- 22673/22674 भगत की कोठी से मन्नारगुड़ी
- 18573/18574 भगत की कोठी से विशाखापत्तनम
- 20471/20472 बीकानेर से पुरी
- 20813/20814 जोधपुर से पुरी
- 20481/20482 भगत की कोठी से तिरुचिरापल्ली
- 12495/12496 बीकानेर से कोलकाता
राजनीतिक उदासीनता बनी बाधा
वाणिज्यिक औचित्यपूर्ण रिपोर्ट में कुचामन सिटी स्टेशन की आय का आंकड़ा स्पष्ट रूप से दर्शाता है कि यह स्टेशन ठहराव के योग्य है। लेकिन स्थानीय सांसद और जनप्रतिनिधियों की अनदेखी के कारण रेलमंत्री और रेलवे बोर्ड द्वारा प्रस्तावों की स्वीकृति नहीं दी जा रही है। अगर इन प्रस्तावों पर जल्द स्वीकृति मिलती है तो कुचामन व आसपास के लाखों लोगों को लाभ मिलेगा।
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