
कुचामन न्यूज: सनातन संस्कृति और परंपराओं से जुड़े रंगों के महापर्व होली की तैयारियां जोरों पर हैं। बाजारों में चहल-पहल बढ़ गई है, वहीं शहर के गली-मोहल्लों में चंग और धमाल की गूंज होली के उत्साह को और बढ़ा रही है।

लोक संस्कृति से सराबोर इस पर्व को लेकर हर तरफ उल्लास और उमंग का माहौल बना हुआ है।


होली से ठीक दो-तीन दिन पहले से ही गींदड़ खेलने की परंपरा शुरू हो जाती है। शहर के विभिन्न इलाकों में कलाकार चंग की थाप पर धमाल गाते हुए पारंपरिक नृत्य प्रस्तुत कर रहे हैं, जो सहज ही लोगों के आकर्षण का केंद्र बन रहा है। विभिन्न सामाजिक और सांस्कृतिक संगठनों द्वारा भी होली के उपलक्ष्य में विशेष आयोजन किए जा रहे हैं। वहीं, शहर के विभिन्न मंदिरों और शिक्षण संस्थानों में फागोत्सव की धूम रही, जहां श्रद्धालुओं और विद्यार्थियों ने भजन-कीर्तन और रंगों से होली खेलते हुए पर्व का आनंद लिया।
इस बार होलिका दहन 13 मार्च की रात शुभ शतांक योग में किया जाएगा, जो ज्योतिषीय दृष्टि से अत्यंत फलदायी माना जा रहा है। ज्योतिषाचार्य पं. छोटूलाल शर्मा के अनुसार, 12 मार्च को शुक्र और मंगल के संयोग से यह शुभ योग बनेगा। होलिका दहन का शुभ मुहूर्त रात 11:26 बजे से 12:30 बजे तक रहेगा। इस दौरान होलिका दहन करने से जीवन में सुख-समृद्धि और नकारात्मक ऊर्जा का नाश होने की मान्यता है।
धुलंडी का पर्व 14 मार्च को धूमधाम से मनाया जाएगा, जिसमें लोग रंग-गुलाल उड़ाकर आपसी प्रेम और भाईचारे का संदेश देंगे। बाजारों में रंग, गुलाल, पिचकारियों की बिक्री जोरों पर है। कुल मिलाकर, होली का उत्साह अब हर गली-चौराहे पर नजर आने लगा है, और चंग-धमाल की थाप ने माहौल को पहले से ही रंगीन बना दिया है।
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