कुचामन न्यूज़: भारतीय संगीत सदन में रविवार को बसंत पंचमी के अवसर पर सरस्वती पूजन और बसंतोत्सव बड़े धूमधाम से मनाया गया।
इस विशेष अवसर पर एक सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत मां सरस्वती की प्रार्थना से हुई, जिसे संगीत सदन के विद्यार्थियों गरिमा, रेखा, कविता, पूजा, कमल, अशोक, मनीष राजपुरोहित और असलम ने प्रस्तुत किया। विद्यार्थियों ने ऋतुओं के राजा बसंत पर सुंदर गीत प्रस्तुत किए, जो सबको मंत्रमुग्ध कर गए।
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कार्यक्रम में संगीत सदन के सचिव शिवकुमार अग्रवाल ने संबोधित करते हुए कहा, “बसंत पंचमी का त्योहार नए वर्ष में नई ऊर्जा और उत्साह का संचार करता है। इसे उत्साह और उमंग के साथ हमें अपनी संगीत की पढ़ाई पर विशेष ध्यान देना चाहिए।” उन्होंने बच्चों को प्रेरित किया कि वे इस पावन अवसर का लाभ उठाते हुए शिक्षा और कला के क्षेत्र में आगे बढ़ें।
मां सरस्वती के प्रति आस्था का प्रतीक यह पर्व शिक्षा, कला और ज्ञान की देवी को सम्मानित करने का अवसर है। इस दिन विशेष रूप से बच्चों में उत्साह और जोश देखने को मिला। कार्यक्रम का संचालन घनश्याम गौड़ ने किया, जिन्होंने विद्यार्थियों को मां सरस्वती की उत्पत्ति के बारे में जानकारी दी।
इस अवसर पर विनोद कुमार आचार्य, प्रदीप आचार्य, प्रभु प्रधान, विमल पारीक, पूर्व शिक्षा अधिकारी बाबूलाल जांगिड़, लुकूट बल्लभ गौड़, सुनील माथुर और रामचंद्र सोनी सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
विनोद आचार्य ने इस दिन की विशेषता बताते हुए कहा कि शास्त्रों में उल्लेख है कि माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी को मां सरस्वती का प्राकट्य हुआ था और इस दिन को पूरे ब्रह्मांड को ध्वनि का उपहार मिला था, इसलिए इसे बसंत पंचमी के रूप में मनाया जाता है।
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