
कुचामन न्यूज: शहर के स्कूल संचालक से रंगदारी वसूलने के मामले में कोर्ट ने आरोपी हेमराज पारीक के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर जांच के आदेश दिए है।

दरअसल आरोपी के खिलाफ कार्रवाई नहीं होने पर अंत में स्कूल संचालक राजेंद्र चौधरी ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। जिस पर न्यायालय ने पुलिस को आरोपी हेमराज पारीक के खिलाफ मुकदमा दर्ज करके न्यायालय को अवगत करवाने के आदेश जारी किए है।


परिवादी की ओर से अधिवक्ता बोदूराम ने न्यायालय में इस्तगासा पेश कर बताया कि परिवाद पत्र और शपथ पत्र का अवलोकन करने के बाद न्यायालय ने पाया कि इसमें प्रथम दृष्टया संज्ञेय अपराध घटित हुआ प्रतीत होता है।
इसलिए, न्यायालय ने पुलिस थाना कुचामन सिटी को आदेश दिया कि वह इस मामले में तुरंत प्राथमिकी (FIR) दर्ज कर, निष्पक्ष जांच सुनिश्चित करे और न्यायालय को रिपोर्ट प्रस्तुत करें।
क्या है मामला:
पत्रकार हेमराज पारीक ने 06 जनवरी 2025 को उनकी स्कूल में आकर धमकी दी कि वह उन्हें और उनके प्रतिष्ठान को झूठी खबर प्रकाशित कर बदनाम कर देगा।
परिवादी के अनुसार हेमराज ने धमकी दी कि वह पूर्व में कुचामन में अध्यापन कराने वाले एक शिक्षक से परिवादी का नाम जोड़कर उनके खिलाफ खबर प्रकाशित करेगा।
परिवादी राजेंद्र चौधरी के मुताबिक, जब उन्होंने पत्रकार हेमराज से झूठी खबर न छापने का अनुरोध किया, तो उसने इसके बदले 2 लाख रुपये की मांग की। यह सुनकर परिवादी ने इस मामले में स्थानीय व्यवसायी कैलाश मुंदलिया से संपर्क किया। कैलाश मुंदलिया ने भी इस मांग को अनुचित ठहराया और परिवादी का साथ दिया। इसके बावजूद, जब हेमराज ने लगातार दबाव बनाया और धमकाया, तो 2 लाख रुपये की नकद राशि कैलाश मुंदलिया और खींवराज कलिया की मौजूदगी में हेमराज को सौंप दी गई।
परिवादी का कहना है कि इस पैसे की अदायगी के बाद भी पत्रकार का लालच खत्म नहीं हुआ। 30 जनवरी 2025 को हेमराज ने पुनः उन्हें शाकंभरी माता मंदिर बुलाया और कहा कि उनके व्यवसाय और सामाजिक प्रतिष्ठा को देखते हुए 2 लाख रुपये पर्याप्त नहीं हैं। उसने धमकी दी कि यदि 3 लाख रुपये और नहीं मिले, तो वह उनके खिलाफ झूठी खबरें प्रकाशित कर व्यवसाय को पूरी तरह चौपट कर देगा।
“मैंने कई लोगों को ठिकाने लगाया है” – हेमराज पारीक
परिवादी ने अपने परिवाद में यह भी आरोप लगाया है कि पत्रकार हेमराज पारीक ने पुलिस अधिकारियों को भी झूठी खबरों के जरिए फंसाने की बात कही थी। उसने गर्व से कहा कि उसने पहले तत्कालीन एसएचओ मनोज माचरा के खिलाफ भी झूठी खबरें छापकर उन्हें “ठिकाने” लगाया था।
परिवादी का कहना है कि इस बार जबरन वसूली की सीमा लांघ दी गई, जिसके चलते उन्होंने न्यायालय की शरण ली और कानूनी कार्रवाई की मांग की।
न्यायालय ने FIR दर्ज करने का आदेश दिया
अधिवक्ता बोदूराम ने बताया कि प्रस्तुत परिवाद का अवलोकन करने के बाद न्यायालय ने पाया कि इसमें प्रथम दृष्टया संज्ञेय अपराध घटित हुआ प्रतीत होता है। इसलिए, न्यायालय ने पुलिस थाना कुचामन सिटी को आदेश दिया कि वह इस मामले में तुरंत प्राथमिकी (FIR) दर्ज कर, निष्पक्ष जांच सुनिश्चित करे और न्यायालय को रिपोर्ट प्रस्तुत करें।
यदि पुलिस जांच में आरोप सत्य पाए जाते हैं, तो दोषी पाए जाने पर आरोपी हेमराज पारीक के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है।
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पुलिस की अगली कार्रवाई
पुलिस सूत्रों के अनुसार, इस मामले में आरोपी पत्रकार हेमराज पारीक को जल्द ही नोटिस जारी किया जा सकता है। पुलिस इस प्रकरण की बारीकी से जांच करेगी और आवश्यक गवाहों के बयान दर्ज करेगी। इसके अलावा, सीसीटीवी फुटेज और अन्य तकनीकी साक्ष्यों को भी खंगाला जाएगा, ताकि आरोपों की पुष्टि की जा सके।
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