कुचामन न्यूज़: सांभर झील में प्रवासी पक्षियों की मौत के मामले में जिला कलक्टर पुखराज सैन ने सोमवार को साम्भर झील का दौरा किया। उन्होंने अधिकारियों को टीमें बढाने के साथ मृत पक्षियों को जल्द हटवाने के निर्देश दिए। जिला कलक्टर सैन ने कहा कि सांभर झील में हो रही पक्षियों की मौत के कारण का अभी पता नहीं लगाया जा सका है।
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कलक्टर का बचाव के लिए बेतुका बयान
कलक्टर सैन ने कहा कि 2019 में भी तेज बारिश हुई थी इस बार भी हुई है। पक्षियों की मौत का ये एक कारण हो सकता है। वर्तमान में बीमार पक्षियों के ब्लड सैंपल लिए जा रहे हैं। जिन्हें जांच के लिए भेजा गया है। इस मामले में अभी कुछ भी निश्चित रूप से नहीं कहा जा सकता है। यह बीमारी है या प्राकृतिक कारणों से मौत हुई है। सभी घायल पक्षियों को जल्द से जल्द रेस्क्यू सेंटर ले जाया जा रहा है।
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झील में व्यवस्थाओं का जायजा SDM जीतू कुलहरी द्वारा लिया जा रहा है, और इस मामले में कई टीमों का गठन किया गया है। उन्होंने बताया कि पक्षियों के लिए मीठड़ी में एक रेस्क्यू सेंटर बनाया गया है। और वह अभी वहीं जा रहे हैं। जो भी आवश्यक सामग्री है। वह डॉक्टरों को मुहैया कराई जाएगी।
जब कलक्टर से पूछा गया कि क्या पक्षियों की मौत का कारण झील में रिफाइनरियों के अपशिष्ट डालने से है? क्योंकि रिफाइनरियों का सारा अवशिष्ट झील में बहा दिया जाता है। कलक्टर ने कहा कि सभी रिफाइनरियों की समय-समय पर जांच की जाती है। अगर कोई अपशिष्ट झील में डालते हुए पकड़ा जाता है, तो उस पर कार्रवाई की जाएगी।
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झील में बिजली के नंगे तारों का जाल-
कलक्टर से पूछा गया कि क्या झील में खुले बिजली के तार पड़े हैं और झील पर बहुत सारी ट्यूबवेल हैं, इनके बारे में प्रशासन कब कार्रवाई करेगा। कलक्टर ने इस पर उत्तर दिया कि हम अपनी ओर से पूरी कार्रवाई कर रहे हैं।
कलक्टर द्वारा दिए गए यह जवाब केवल प्रशासन की लापरवाही को ढकने वाले हैं। लोगों का कहना है कि जब बारिश अच्छी होती है, तो यह सामान्यत: पर्यावरण के लिए लाभकारी माना जाता है, न कि हानिकारक। कलक्टर के इस बयान ने यह भी सवाल खड़ा किया है की पिछले 5 दशक से झील में प्रवासी पक्षी आ रहे है, उस समय कभी पक्षियों की जान संकट में नहीं आई। आखिरकार बारिश से पक्षियों की मौत का कारण क्यों बन रहा है।
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प्रशासन की लापरवाही को छुपाने के प्रयास से लगता है कि प्रशासन अपनी नाकामी छिपाने के लिए बारिश को ही पक्षियों की मौत का कारण मान रहा है। यह समझ से परे है। आखिर कलक्टर तेज बारिश के साथ पक्षियों की मौत को कैसे जोड़ रहे हैं। जबकि सामान्यतः मौसम परिवर्तन के बावजूद जीव-जंतु खुद को वातावरण के अनुसार बदल लेते हैं।
जांच के बाद ही होगा मौत के कारणों का खुलासा
कलक्टर को शायद अभी तक इस बात का पता नहीं है कि बारिश के कारण पक्षियों की मौत क्यों हो रही है और यह प्रशासनिक प्रबंधन की कमी को भी उजागर करती है। ऐसे में सवाल यह उठता है कि जब तक वास्तविक कारणों की जांच नहीं की जाती, तब तक प्रशासन की गंभीरता और कार्यप्रणाली पर भी संदेह है।
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हनुमान बेनीवाल बोले- विश्व विख्यात सांभर झील में परिंदों की जान पर संकट आने की स्थिति चिंताजनक है, पूर्व में भी यहां बहुत बड़ी पक्षी त्रासदी हुई थी जिसको लेकर मैने लोक सभा में भी मुद्दा उठाया था, मैने इस
मामले को लेकर डीडवाना – कुचामन जिले के अधिकारियों और राज्य तथा केंद्र सरकार के अधिकारियों से कल बात की थी ! केंद्र सरकार तत्काल एक विशेषज्ञों की टीम को मौके पर भेजे और इस पक्षी त्रासदी को रोकने के लिए अहम कदम उठाएं !
जीव रक्षा हमारा परम दायित्व है
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