युवाओं ने महाराजा सूरजमल से प्रेरणा लेकर सदैव देश व धर्म की रक्षा और महिलाओं की सुरक्षा का संकल्प लिया
हेमंत जोशी @ कुचामनसिटी। कुचामन शहर में डीडवाना रोड मेगा हाईवे बाईपास पर नगर परिषद द्वारा घोषित महाराजा सूरजमल सर्किल पर भारत के अजेय योद्धा भरतपुर के संस्थापक महाराजा सूरजमल की जयंती मनाई गई।
समाज के लोगों ने उनके चित्र पर पुष्प अर्पित करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि दी। मंगलवार को महाराजा सूरजमल संस्था के तत्वाधान में सर्व समाज के लोग उनके छायाचित्र पर पुष्पांजलि देते हुए भारत माता की जय, वंदे मातरम, महाराजा सूरजमल अमर रहे, जैसे नारे लगाते हुए उनको याद करते हुए उनके वीरता पूर्वक किए गए कार्यों को याद किया।
महाराजा सूरजमल संस्था के कार्यकर्ता परसाराम, मुननाराम कमलकांत, झूमरमल,बिरमाराम, डि.आर भाकर, औमप्रकश वकिल, वक्ताओं ने कहा कि हिंदू हृदय सम्राट ने मुगलों व अंग्रेजों की गुलामी को मरते दम तक स्वीकार नहीं किया और कोई भी आक्रामकारी भरतपुर रियासत पर कब्जा नहीं कर सका। हमें उनके वीरता और धर्म परायणता से सीख लेनी चाहिए।
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वक्ताओं ने यह भी कहा की महापुरुषों की जयंती जैसे कार्यक्रम द्वारा युवा पीढ़ी को अपने संस्कारों रीतियो और महान इतिहास से परिचित होने का अवसर मिलता है। उन लोगों ने यह भी बताया कि भारत को भारत बनाने में महापुरुषों का योगदान रहा है। जिसको लेकर महापुरुषों की जयंतियां जैसा मौका युवा पीढ़ी के लिए सीख देती है और महापुरुषों के जीवन से प्रेरणा लेने का वक्त होता है। महापुरुषों के जन्मदिवस एवं निर्वाण दिवस मानना चाहिए, ताकि हम उनके व्यक्तित्व और कर्तव्य पर विचार कर सके।
पुष्पांजलि कार्यक्रम मे परसाराम बुगालिया, मुनाराम महला, झूमरमल बिजारणिया, बिरमाराम बांगड़वा, कमलकांत डोडवाडिया, डि.आर भाकर,एडवोकेट ओमप्रकाश मायला, पूसाराम राठी, दुर्गाराम चौधरी, प्रभुराम भाकर, बलवीर चौधरी, सोहनराम फौजी प्रभुराम फौजी, धर्माराम चौधरी, राकेश बोचलिया, सुरेंद्र चौधरी आदि लोग ने महाराजा सूरजमल के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित करके नमन किया।