हेमंत जोशी @ कुचामनसिटी। महाराजा सूरजमल संस्था के तत्वाधान में कुचामन शहर में स्थित महाराजा सूरजमल सर्किल पर सोमवार को सिरमौर भारत भूमि के अजय ह्रदय सम्राट महाराजा सूरजमल की प्रतिमा के समक्ष दीप जलाकर उनका बलिदान दिवस मनाया गया। महाराजा सूरजमल के चित्र के समक्ष सभी लोगों ने पुष्प अर्पित करके उनके बलिदान को याद किया।
इस मौके पर जिलाप्रमुख भागीरथ चौधरी, उपसभापति हेमराज चावला, सरपंच प्रतिनिधि भूराराम कूदणा, जाट महासभा के दानाराम राठी, जाट महासभा के पूसाराम थोरी, एलबीएस संस्था के डायरेक्टर रामदेव खीचड़, पूसाराम राठी, और महाराजा सूरजमल संस्था के कार्यकर्ता परसाराम बुगालिया, मुन्नाराम महला सहित अन्य लोग मौजूद रहे।
कार्यक्रम के दौरान झूमरमल बिजारणिया, बिरमाराम बांगड़वा, कमलकांत डोडवाड़िया, डी आर भाकर, ने महाराजा सूरजमल के जीवन पर प्रकाश डाला और उनके आदर्श को जीवन में अपनाने की शपथ ली।
वक्ताओं ने कहा कि महाराजा सूरजमल ना केवल जाट समाज के महानायक थे बल्कि सभी वर्ग के हितेषी और आदर्श थे। उन्होंने गरीब कमजोर और जुल्म के खिलाफ लड़ाइयां लड़ते लड़ते बलिदान दिया। उन्होंने 80 युद्ध लड़े, लेकिन वह कभी पराजित नहीं हुए
उनकी बहादुरी की मिसाल इतिहास की किताबों में दर्ज है। ऐसा गौरवपूर्ण इतिहास दुनिया में शायद ही किसी और राजा का रहा होगा। वह एक योद्धा के साथ-साथ दूरदर्शी और वैज्ञानिक भी थे। उनके गौरवपूर्ण कारनामों के बारे में इतिहास के पन्नों में दर्ज है।
इतिहास में उन्हें एशिया का प्लेटो भी कहा जाता है। महाराजा सूरजमल ने लोहागढ़ किले का निर्माण इस तरह करवाया कि आज तक भी उस किले को कोई भेद नहीं पाया। अंग्रेजों और मुगलों ने वहां पर 13 बार आक्रमण किया लेकिन लोहागढ़ किले की दीवारों ने अंग्रेजों कि तोप के गोलो और हथियारों को निरस्त कर दिया।
महाराजा सूरजमल के बलिदान दिवस के इस मौके पर मुकेश जाजड़ा, बिरधाराम फिल्डोलिया, गोपाल मुंदलिया, उगमा राम भींचर, रामेश्वर ढाका कुनणाराम गावड़िया , राजस्थान डिफेंस के डायरेक्टर राकेश बोचलिया, सुरेश कुमार झाझड़ा, सरदार, सोहनराम फौजी, प्रभु राम चौधरी, मुकेश गढ़वाल, बलवीर चौधरी, महेंद्र मडीवाल, ओमाराम, रामधन चौधरी, फौजी मुकेश चौधरी, सुखबीर खीचड़ सहित विभिन्न संगठनों के कार्यकर्ता और सामाजिक कार्यकर्ता व क्षेत्र के सभी वर्गों के लोग मौजूद रहे