Saturday, November 2, 2024
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पिज्जा की फ्रेंचाइजी के लिए किया ऑनलाइन आवेदन करना पड़ा महंगा, साढ़े 7 लाख गंवाए

पिज्जा की फ्रेंचाइजी देने के नाम पर चिकित्सक से हुई 7.40 लाख की ठगी

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पुलिस ने दिया संदेश, कंपनी की पुष्टि करने के बाद ही करना चाहिए रुपयों का ट्रांजेक्शन

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कंपनी की ई-मेल आईडी में बदलाव कर साइबर जालसाजों ने की धोखाधड़ी

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हेमंत जोशी @ कुचामनसिटी। अंतरराष्ट्रीय ब्रांड के  एक पिज्जा कंपनी की फ्रेंचाइजी देने के नाम पर कुचामन सिटी के एक चिकित्सक से साइबर जालसाजो ने लाखो की ठगी कर ली। अब चिकित्सक ने केंद्रीय गृह मंत्रालय के हेल्पलाइन नंबर 1930 पर अपनी शिकायत दर्ज कराई है। जिसके आधार पर कुचामन पुलिस ने मामले की जांच शुरू की है।

पिछले कुछ वर्षो में साइबर ठगी के मामले बढ़ते जा रहे है। जैसे जैसे तकनीक बढ़ रही है वैसे वैसे ठग भी ठगी के नित नए तरीके इजाद कर आमजन से ठगी की वारदातों को अंजाम दे रहे है। ऐसा ही एक मामला डीडवाना कुचामन जिले के कुचामन सिटी में सामने आया है जहां ठगों ने अंतराष्ट्रीय ब्रांड के पिज्जा की फ्रेंचाइजी देने के नाम पर स्थानीय चिकित्सक डॉक्टर निकित मदान से सात लाख चालीस हजार रुपए की ठगी कर डाली । डॉक्टर निकित मदान ने बताया की उन्होंने फ्रेंचाइजी लेने का इरादा किया और उसके नंबर ऑनलाइन सर्च किए। जो नंबर सर्च रिजल्ट में आए दरअसल वो साइबर ठगों के थे। डॉक्टर मदान से उन ठगों ने बात की। मदान उन्हें डोमिनोज के ही अधिकृत कर्मचारी मान बैठे और उनके झांसे में आकर दो बार में सात लाख 40 हजार रुपए उनके खाते में ट्रांसफर कर दिए।

इस दौरान डॉक्टर निकित मदान को उन्होंने ईमेल भी किए, जो की कंपनी से मिलते जुलते थे जिससे वे झांसे में आ गए और ठगी का शिकार हो गए। अब वे सभी नंबर बंद आ रहे है और जिस खाते में डॉक्टर मदान ने रुपए जमा कराए थे ,उसमे से भी रुपए अलग अलग खातों में ट्रांसफर कर दिए गए हैं ।

इसके बाद डॉक्टर निकित मदान ने लोगों की सलाह पर भारत सरकार के केंद्रीय गृह मंत्रालय के हेल्पलाइन नंबर 1930 पर अपनी शिकायत दर्ज कराई है । शिकायत के आधार पर कुचामन पुलिस को निर्देश मिले हैं और उस पर कुचामन पुलिस मामले की जांच कर रही है। कुचामन थाना अधिकारी सुरेश कुमार चौधरी ने आमजन के नाम एक संदेश जारी किया है जिसमें उन्होंने कहा कि आजकल हम किसी कंपनी के नंबर ऑनलाइन सर्च करते हैं तो ज्यादातर मामलों में सर्च रिजल्ट में आए नंबर फेक होते हैं और वो साइबर जालसाजों के होते हैं।

ऐसे में नंबर की पुष्टि होने के बाद ही संपर्क साधना चाहिए और रुपयों का ट्रांजैक्शन करना चाहिए। उन्होंने कहा कि साइबर ठगी का शिकार हुए लोगों को जल्द से जल्द साइबर क्राइम के पीड़ित लोगों की सहायता के लिए शुरू किए गए भारत सरकार के हेल्पलाइन नंबर 1930 पर जानकारी देनी चाहिए ताकि ठाकुर के बारे में जानकारी जताकर उन पर कार्रवाई की जा सके और लोगों के रुपए रिकवर कराए जा सके।

भारत सरकार की ओर से पुलिस विभाग की ओर से समय-समय पर साइबर ठगी से बचने के लिए जागरूकता संदेश प्रसारित किए जाते हैं लेकिन लोग लालच में आकर इन तो के जाल में फंस जाते हैं और भारी रकम गंवा बैठते हैं। जब भी ऑनलाइन कोई कार्य करें कोई संपर्क करें तो जल्दबाजी ना करें, अधिकृत नंबर और ईमेल की पुष्टि होने के बाद ही किसी तरह का, संपर्क स्थापित करें, और रुपयों का ट्रांजैक्शन करें ताकि आप साइबर ठगों से महफूज रह सके।

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