देश में आत्महत्या के मामले बढ़ते जा रहे हैं।
विमल पारीक @ कुचामनसिटी। आत्महत्या की बात करें तो यहां हर साल 15 से ज्यादा आत्महत्या के मामले सामने आते हैं। इनकी रोकथाम जरूरी है। लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से हर साल 10 सितंबर को विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस मनाया जाता है।
डॉक्टर प्रहलाद बाजिया पीएमओ राजकीय जिला अस्पताल कुचामन ने कहा कि अगर किसी को खुदकुशी के विचार आ रहे हैं तो किसी करीबी से बात साझा करनी चाहिए। हेल्पलाइन या पेशेवर परामर्शदाता या मनोचिकित्सक से बात करनी चाहिए। परिवार और दोस्त आसपास रहें। यह एहसास कराना चाहिए कि वह उस व्यक्ति से बहुत प्यार करते हैं और समझते हैं।
उन्होंने कहा कि आज जो यह विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस आयोजित किया जा रहा है इसका मुख्य उद्देश्य ज्यादा से ज्यादा लोगों का आत्मकथा रोकथाम के बारे में जागरूक करना है। डॉक्टर सुरेंद्र मनोरोगी विशेषज्ञ ने बताया कि प्रतिवर्ष भारत में आत्महत्या करने वालों की संख्या बढ़ती जा रही है। हम अपने आसपास के किसी व्यक्ति रिश्तेदारी में अलग से व्यवहार पाते हैं या अगर उसमें आत्महत्या करने के विचार आते हैं तो हमें अनदेखी नहीं करनी चाहिए। उसे समझाए और समय रहते मनोचिकित्सा डॉक्टर को दिखाने का प्रयास करें।
इस दौरान डॉक्टर वी के गुप्ता ने राजकीय जिला अस्पताल के सभी डॉक्टर्स व स्टाफ को विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस की शपथ दिलाई। इस दौरान डॉक्टर शकील मोहम्मद राव ,डॉक्टर किशोर खींची, डॉ सलीम मोहम्मद राव,डॉ ईशाक देवड़ा,डॉ जेपी ढाका,डॉ नानूराम, डॉ कैलाश शर्मा ,डॉ हरीश ढाका, राधेश्याम कांसोटिया,जाकिर हुसैन, कृष्ण मुरारी , आचुकि, गोपाल आदि ने शपथ ली।
आत्महत्या के प्रमुख कारण
1- गंभीर बीमारी का होना,
2- पारिवारिक कलह,
3- आर्थिक कमजोरी व मानसिक विकार,
4- परीक्षा में असफलता व किसी प्रेम प्रसंग के चक्कर मे आकर।
ऐसे बेहतर रखें अपने विचार
1- सही दिनचर्या अपनाएं
2- अच्छा खाएं, शारीरिक व्यायाम, को रोजमर्रा की जिंदगी का हिस्सा बनाएं।
3- अपने शौक को जिंदगी का हिस्सा बनाएं।
5- खुलकर हंसे, मुस्कुराएं और अपनी बातों को शेयर करें।
6- अपनी क्षमता के हिसाब से करियर और रिश्तों का चुनाव करें।