Monday, November 25, 2024
Homeकुचामनसिटी जलझूलनी एकादशी पर ढोल नगाड़ों के साथ निकाली रेवाड़ी

 जलझूलनी एकादशी पर ढोल नगाड़ों के साथ निकाली रेवाड़ी

ठाकुरजी को कराया जलविहार

- विज्ञापन -image description

- विज्ञापन -image description

विमल पारीक @ कुचामनसिटी। कुचामन शहर में जलझूलनी एकादशी पर मंगलवार को ढोल नगाड़ों के साथ रेवाड़िया निकाली गई।  कई जगह मंदिरों में ही ठाकुरजी को जलविहार कराया गया। जिसमें लोग छोटे बच्चों शिशुओं को रेवाड़ी के नीचे से निकाल कर श्रीफल चढ़ाकर घर परिवार में खुशहाली की कामना की।

कुचामन गढ़ में सभी मंदिरों से ठाकुर जी को गाजे बाजे के साथ लाए गए। जहां एक जगह पर विराजमान किया गया जहां पर श्रद्धालुओं द्वारा दर्शन किए गए। पुजारियों ने ठाकुर जी को जलविहार कराया।

- Advertisement -image description

इस दौरान रामदेवजी का मन्दिर सत्यनाराण मंदिर कामदारों का मन्दिर, श्री विश्वकर्मा मंदिर, जोशियों का मंदिर, चारभुजा मंदिर, रघुनाथ जी का मंदिर, पिपली वाले बालाजी मंदिर और अन्य देवालयों स्थानों पर जलझूलनी एकादशी मनाई गई। ढोल नगाड़ों से रेवाड़ी निकाली गई ओर रेवाड़ी के साथ चलने वाले लोगों ने शहर को चहुओर गुंजा हाथी घोड़ा पालकी जय कन्हैया लाल की से गुंजा दिया।

इस दौरान ठाकुरजी को जलविहार करवाने के साथ गणमान्य नागरिकों ने सभी देव विमानों की सामूहिक महा आरती की व श्रद्धालुओं को प्रसाद वितरण किया गया।

वर्षो पुरानी है परंपरा

जलझूलनी एकादशी पर ढोल नगाड़ों के साथ शहर के लगभग सभी मंदिरों मे से ठाकुरजी को जलविहार के लिए कुचामन किले में राजा महाराजा के समय से ही लाया जा रहा है। जो परंपरा निरंतर चली आ रही है। यहां की सारी व्यवस्था कुचामन किले के द्वारा की जाती है।

- Advertisement -
image description
IT DEALS HUB
image description
RELATED ARTICLES
- Advertisment -image description

Most Popular

Recent Comments

error: Content is protected !!