नावां की राजनीति में अगला कदम उठाएगा कौन?
…किस्सा कुर्सी का पार्ट 8
हेमन्त जोशी @ कुचामनसिटी। विधानसभा चुनावों का बिगुल बज चुका है। दोनों ही राजनीतिक दलों में टिकट वितरण समितियां भी गठित हो गई है। भाजपा में जहां राजस्थान की जिम्मेदारी खुद प्रधानमंत्री मोदी के जिम्मे हैं वहीं कांग्रेस की चयन समिति में सीएम अशोक गहलोत, सचिन पायलट, डॉ. सी पी जोशी समेत पीसीसी चीफ डोटासरा भी शामिल है। ऐसे में यह तो तय है कि पार्टी के मजबूत और जीतने वाले कार्यकर्ताओं को ही आगे लाया जाएगा
दरअसल, आजादी के बाद से अब तक नावां विधानसभा सीट से कभी भी महिला विधायक नहीं बनी है। पहली बार नावां सीट से कोई महिला राजनीति के अखाड़े में दिग्गज नेताओं के बीच अपना राजनीतिक दांव खेल रही है। कांग्रेस से जहां उपमुख्य सचेतक महेन्द्र चौधरी जैसे कद्दावर नेता है और भाजपा में भी कई नेताओं के रहते हुए पार्टी और जनता के बीच अपना कद बढ़ाने वाली डॉ. रजनी गावड़िया इस बार विधानसभा चुनाव में ताल ठोकने के लिए तैयार है।
नावां में महिला मोर्चा के संगठन को मजबूत करने के साथ ही पार्टी की नीति-रीतियों को आमजन तक पहुंच बनाने वाली डॉ. रजनी गावड़िया टिकट की प्रबल दावेदार है। गायनिक डॉक्टर होने के साथ ही पिछले लंबे समय से अपनी सेवाएं देकर आम जनता से जुड़ी रही है। यही कारण है कि इनकी पहचान किसी पद या पार्टी की मोहताज नहीं है। राजनीति में कदम रखने के बाद डॉ. गावड़िया ने एक ओर जहां पार्टी को मजबूत किया है वहीं दूसरी ओर आमजन मानस में भी अपनी अच्छी छवि बनाई है।
समाजसेवा एवं चिकित्सा सुविधा से क्षेत्र में बनाई अपनी पहचान-
नागौर देहात में महिला मोर्चा की जिलाध्यक्ष डॉ. गावड़िया पूर्व प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य रह चुकी है। समाजसेवा के साथ-साथ गौसेवा में भी सदैव अग्रणी भूमिका में रहकर गौशाला संचालन व गरीब-पिछड़ों को आर्थिक सहयोग करते हुए भामाशाह के रुप में अपना कर्तव्य निभा रही है। चिकित्सा सेवा के माध्यम से समाज के हर वर्ग को राहत पहुंचाकर कोरोना महामारी के दौरान घर-घर पहुंच कर 30 हजार मेडिकल किट वितरित किए।
राम मन्दिर के निर्माण में भी डॉ. गावड़िया ने 5 लाख रुपए का सहयोग किया। निजी तौर पर पिछले 8 सालों से 50 गायों की गौशाला में गौवंश की सेवा कर रही है। सबसे अहम बात यह भी है कि इनका सभी समाज के लोगों से जुड़ाव है। निरन्तर रक्तदान शिविरों का आयोजन और भामाशाह योजना में राजस्थान के प्रथम 10 अस्पतालों में अपनी जगह बनाने वाली डॉ. गावड़िया अब राजनीतिक क्षेत्र में आकर जनता की सेवा करने के लिए तैयार है।
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अपनी पहचान को ताकत बना रही डॉ. गावड़िया-
नावां कुचामन विधानसभा के लोग भाजपा में नए चेहरे को देखना चाहते है। खास कर महिलाओं में लोकप्रियता के चलते ही डॉ. गावड़िया खुद को सभी दावेदारों में मजबूत है। समाज के साथ साथ सर्व समाज में भी लोकप्रियता अन्य दावेदारों से अधिक हैं। इनका मानना है कि अगर पार्टी टिकट देती है तो भाजपा को अच्छे मतों से जीत दिलवाई जा सकती हैं। यह 2008 से लेकर अभी तक के सभी चुनावों में सक्रिय रही है। वह इंडियन मेडिकल एसोसिएशन कि पिछले 10 वर्ष से लगातार जिला स्तर पर अध्यक्ष है।
वर्तमान में भाजपा महिला मोर्चा जिलाध्यक्ष नागौर देहात की जिम्मेदारी का निर्वहन कर रही है। जिलाध्यक्ष की जिम्मेदारी मिलने के बाद डॉ. गावड़िया ने अपने प्रयासों से सभी कार्यक्रमों में महिलाओं की भागीदारी को बढ़ाया है। गैर परम्परागत वोटर्स को भी पार्टी से जोड़ा।
नावां के राजनीतिक समीकरण पर एक नजर-
विधानसभा नावां कुचामन में 2 लाख 60000 के करीब मतदाता है। जातिगत आंकड़ों पर नजर डालें तो यहां जाट, एससी और कुमावत, ब्राह्मण समाज का बाहुल्य है। 2008 के चुनाव में जाट समाज भाजपा के साथ नहीं था। लेकिन 2013 के चुनाव में जाट समाज भी भाजपा से जुड़ गया।
भाजपा की जीत में जाट समाज के अहम योगदान है। ऐसे में भाजपा यदि किसी अन्य समाज के चेहरे पर चुनाव लड़ती है तो जाट वोट बैंक वापस भाजपा से दूर जा सकता है। 2013 में प्रत्याशी रहे नेता से राजपूत समाज और कुमावत समाज की नाराजगी भी भाजपा को नुकसान पहुंचा सकती है।