विमल पारीक @ कुचामनसिटी। उपमुख्य सचेतक महेन्द्र चौधरी खुले मंच पर भ्रष्टाचार के मुद्दे पर बहस करे, तब उन्हें जनता के दरबार के बीच भ्रष्टाचार के पुख्ता प्रमाण देंगे।
पिछले पांच वर्षों में नावां विधानसभा क्षेत्र में हर व्यक्ति दहशतभरी जिन्दगी जी रहा है। यहां लोकतन्त्र को खत्म किया जा रहा है। विधायक चौधरी का घमंड इतना है कि वे आम आदमी तो दूर अपने कार्यकर्ताओं को भी मिलने के लिए समय नहीं देते। वे कार्यक्रमों में बड़े डेकोरम के साथ जाते हैं।
बैण्ड, डी. जे. एवं स्वागत के नाम पर जनता से लाखों रुपये खर्च करवाते है, पुलिस पहरे के बीच कार्यक्रम में शरीक होते है और पुलिस पहरे के बीच ही कार्यक्रम से निकल जाते है। ऐसे में वास्तविक पीड़ित एवं परेशान व्यक्ति की पहुंच तो उनसे कोसों दूर है।
मैं बाबुलाल कुमावत पलाड़ा जिला परिषद् सदस्य उपमुख्य सचेतक एवं विधायक महेन्द्र चौधरी एवं कांग्रेस शासन के निम्र कार्यों का पुरजोर विरोध करता हूं। कुमावत का कहना है कि उपमुख्य सचेतक महेन्द्र चौधरी द्वारा महंगाई राहत कैम्प में लोगों को राहत देने के बजाय अपना एवं कांग्रेस पार्टी का प्रचार किया जा रहा है, जो सरकारी मशीनरी एवं सरकारी धन का खुलेआम दुरुपयोग है।
वास्तव में कैम्प में लोगों की समस्याओं का समाधान होना चाहिए लेकिन वे एवं उनके कार्यकर्ता लोगों को डरा-धमकाकर एवं सरकार की धौंस दिखाकर गले में कांग्रेस का दुपट्टा डालने के अलावा कोई अन्य कार्य नहीं कर रहे है। मैं विधायकजी को आगाह करना चाहता हूं कि इस प्रकार डरा-धमकाकर लोगों के गले में दुपट्टे डालने से वोट नहीं मिलते, वरन् वोट तो जनता का दिल जीतने पर मिलते है।
सड़कों सहित अन्य निर्माण कार्यों के पूर्ण होने के दो-चार माह बाद ही क्षतिग्रस्त होना भ्रष्टाचार का पुख्ता प्रमाण है। लोकतन्त्र के चौथे स्तम्भ मीडिया द्वारा गत दिनों जब सार्वजनिक निर्माण विभाग की सड़कों में भ्रष्टाचार की बात उजागर की गई तो 2 मीडियाकर्मियों के साथ हाथापाई करवा दी गई, उन पर मुकदमें दर्ज करवा दिए गए और जेल भिजवा दिया गया। यह लोकतन्त्र को समाप्त करना नहीं है तो और क्या है?
शहर में निर्माणाधीन सीवरेज एवं नवीन जलप्रदाय योजना में जमकर भ्रष्टाचार हो रहा है। मॉनिटरिंग के अभाव में जनता को परेशान किया जा रहा है। शहर का हरेक गली-मौहल्ला खुदा पड़ा है और आवागमन में परेशानी हो रही है। गुणवत्ताहीन सीवरेज कार्य की जांच करवाई जानी चाहिए।नावां खारड़ा क्षेत्र में प्रतिदिन ट्यूबवैल खुदाई के नाम पर करीब 20-25 लाख रुपये वसूल किए जा रहे है। नावां खारड़ा क्षेत्र में ट्यूबवैल खुदाई कार्य केवल और केवल विधायक के आदमियों द्वारा की जा रही है। दूसरे लोगों के ट्यूबवैल खुदाई कार्य शुरु करते ही जब्ती की कार्यवाही कर दी जाती है। इस भ्रष्टाचार का विरोध करने पर ही जयपाल पूनिया की हत्या कर दी गई।
नावां विधानसभा क्षेत्र में सभी अधिकारियों से मंथली ली जा रही है और इसी कारण उन्हें भ्रष्टाचार के लिए फ्री हेण्ड कर दिया गया है। कम वोल्टेज के कारण लोगों के विद्युत उपकरण जल रहे हैं। बिजली का कोई भी कार्य कराने के लिए जाने पर किसानों, मजदूरों सहित आमजन से धनराशि ली जा रही है। नावां में भी सड़क निर्माण कार्य में जमकर भ्रष्टाचार हुआ है, जिसकी जांच होने पर करोड़ों रुपयों की वसूली होगी।
विधायक महेन्द्र चौधरी ने कोरोनाकाल जैसे विकट समय में भी संवेदनहीनता की पराकाष्ठा दिखाई है। कोरोनाकाल में कोरोना बचाव उपकरणों यथा मास्क, सेनेटाइजर के लिए स्वीकृत 50 लाख रुपयों में से 5 लाख रुपये भी जनता के लिए खर्च नहीं हुए, शेष राशि कहां गई? सबको पता है।
कुचामनसिटी के स्टेशन रोड पर अतिक्रमण हटाओ अभियान के नाम पर हठधर्मिता एवं मनमानी की गई। अधिकांशत: भाजपा विचारधारा वाले लोगों के मकान-दुकान तोड़े गए। नली वाले बालाजी मन्दिर प्रवेश द्वार तक अतिक्रमण हटाकर अभियान की इतिश्री कर दो गई जबकि यह रोड़ तो पहले से चौड़ी थी।
महेन्द्र चौधरी द्वारा विपक्षी पार्टी के कार्यकर्ताओं को जेल में डलवाने की बात को लेकर धमकाया जा रहा है, डराया जा रहा है। आमजन आचार संहिता लगने का इंतजार कर रहे है। फिर जनता बताएगी कि वह विकास कार्यों पर मुहर लगाती है अथवा आपके घमंड को जड़मूल से खत्म करती है।
भाजपा परिवार आपको बताना चाहता है कि हम सभी टिकटार्थी एकजुट है। भाजपा परिवार बड़ा एवं मजबूत होता है, लिहाजा टिकटार्थियों की संख्या भी अधिक है। हम सभी भाजपा विचारधारा से जुड़े है तथा जुड़े रहेंगे। हमारी पार्टी की पंचायती विपक्षी दल को करने की कोई जरूरत नहीं है। आपको कुछ करना ही है तो जनता की सुध लो, अपने ईगो को कम करो और भ्रष्टाचार को समाप्त करना, विकास की डीगे हांकने से कुछ नहीं होगा।
जल जीवन मिशन मिशन योजना के तहत करोड़ों रुपयों का घोटाला हुआ है। योजना में तोड़ी गई सड़के वापस ठीक नहीं की गई है। कई जगह पाइप लाइन डालने का कार्य भी अधूरा है। पाइप लाइन डालने एवं सड़क निर्माण कराने में भी भेदभावपूर्ण नीति अपनाई गई है।
वर्ष 2023 में होने वाले विधानसभा चुनाव में भाजपा सरकार आनी तय है। भाजपा सत्तासीन होने के बाद विधायक के भ्रष्टाचार की जांच करवाई जाएगी तथा दोषी होने पर सजा दिलवाई जाएगी।