हेमन्त जोशी @ कुचामनसिटी। स्टेशन रोड स्थित एकलव्य एकेडमी सीनियर सेकेंडरी स्कूल में सोमवार को विद्यालय का स्थापना दिवस समारोह के साथ मनाया गया।
संस्था निदेशक अक्षय जोशी ने केक काटकर व बच्चों को मिठाई वितरित कर विद्यालय की स्थापना के बारे में जानकारी दी। निदेशक अक्षय जोशी ने बताया कि विद्यालय की स्थापना आज के 15 वर्ष पूर्व 10 जुलाई 2008 को तत्कालीन शिक्षा मंत्री कालीचरण सराफ एवं तात्कालिक परिवहन मंत्री यूनुस खान द्वारा समारोह के साथ की गई।
संस्था के सह निदेशक लोकेंद्र जोशी ने बताया कि विगत 15 वर्षों में विद्यालय प्राथमिक से उच्च प्राथमिक एवं माध्यमिक तथा उच्च माध्यमिक के रूप में अपनी सेवाएं दे रहा है इस दौरान विद्यालय ने सर्वश्रेष्ठ परिणाम देकर क्षेत्र का नाम रोशन किया है। उन्होंने बताया की विद्यालय के कई पूर्व छात्र छात्राओं द्वारा अपने विशिष्ट प्रदर्शन से विद्यालय का नाम रोशन किया है। संस्था के प्रधानाचार्य मूलचंद शास्त्री ने छात्र-छात्राओं से विद्यालय की प्रतिष्ठा के अनुरूप शिक्षा के साथ संस्कार का भी विशेष रूप से ध्यान रखने का आह्वान किया।
इस अवसर पर विद्यालय की व्यवस्थापिका सारिका पारीक ने उपस्थित छात्र छात्राओं को मिठाई वितरित करते हुए उनके उज्जवल भविष्य की शुभकामनाएं प्रेषित की।
इस अवसर पर विद्यालय स्टाफ व छात्र-छात्राओं द्वारा विद्यालय की सजावट भी की गई इसके साथ ही विद्यालय में गायत्री यज्ञ का भी आयोजन किया गया।
अखिल भारतीय गायत्री तीर्थ शांतिकुंज हरिद्वार के तत्वावधान में होने वाले 108 कुंडीय गायत्री महायज्ञ के प्रचार प्रसार हेतु जनसंपर्क उपासना श्रंखला के तहत सोमवार को एकलव्य एकेडमी सीनियर सेकेंडरी स्कूल में एक कुंडीय गायत्री यज्ञ का आयोजन हुआ।
इस संबंध में जानकारी देते हुए गायत्री परिवार की महिला संयोजक श्री दीक्षित ने बताया कि 30 सितंबर से दो अक्तूबर को शहर में आयोजित 108 कुंडीय यज्ञ के पूर्व जगह जगह पर प्रचार-प्रसार हेतु आयोजित किए जा रहे यज्ञ की श्रंखला में आयोजित इस यज्ञ का उद्देश्य लोगों में धर्म के प्रति जागृति लाना है। इस यज्ञ में मुख्य यजमान मनोज जोशी, संदीप जोशी प्रदीप जोशी के साथ राजकुमार सोनी, बाबूलाल जांगिड़, भंवर सिंह, अक्षय जोशी, लोकेंद्र जोशी, मूलचंद शास्त्री, शरद बागड़ा, कैलाश शर्मा, छगन लाल टेलर के साथ बड़ी संख्या में बालाजी विहार कॉलोनी की महिलाओं ने भाग लिया।
दोपहर 2:15 बजे से आयोजित इस यज्ञ में महिलाओं ने भाग लेकर आहुतियां दी व विश्व शांति की कामना की। यज्ञ की पूर्णाहुति पर उपस्थित लोगों ने धर्म के प्रति आस्था बनाए रखने के साथ इस तरह के संस्कार वहां आयोजनों में बढ़-चढ़कर भाग लेने का संकल्प लिया।