हेमन्त जोशी @ कुचामनसिटी। नावां विधायक के भ्रष्टाचार के आरोप और उनके साले समेत अन्य रिश्तेदारों के खातों में राशि जमा होने के मामले में अब पक्ष – विपक्ष बीच बहस छिड़ गई है। एक तरफ नेता प्रतिपक्ष अनिलसिंह ने विधायक पर जुबानी हमला बोला वहीं उपसभापति हेमराज चावला और कांग्रेस के नगर अध्यक्ष विधायक के बचाव में उतरे हैं।
नेता प्रतिपक्ष अनिलसिंह मेड़तिया ने कहा कि बिजली विभाग की एफआरटी ही नहीं सभी विभागों में भ्रष्टाचार से राशि उठाई जा रही है। यदि विधायक के भ्रष्टाचार की जांच की सीबीआई जांच की जाए तो यह भ्रष्टाचार अरबो रुपये का सामने आएगा। अकेले कुचामन नगरपरिषद से ही हर काम में भ्रष्टाचार हो रहा है। जिसमें भी सारा खेल विधायक के इशारे पर होता है।
नावां की साम्भर झील में होने वाले ट्यूबवेलों में भी महेंद्र चौधरी के साले मनोज की भूमिका है। पिछले दिनों जयपाल हत्याकांड में इसका मामला सामने आया था। जयपाल पुनिया ने इनके कारनामों की शिकायतें की थी, जिसकी हत्या करवा दी। आयुक्त के रिश्तेदार भी नगरपरिषद में यही काम करते हैं। परिषद की ओर से हरसाल करोड़ो रूपये का भ्रष्टाचार होता है। विधायक की चाल ऐसी है किसी भी निर्माण कार्य मे पहले पैसे लिए जाते हैं। जिसके बाद ठेकेदार घटिया निर्माण करते हैं। विधायक नारायण बेनीवाल ने केवल एक महकमे की रिपोर्ट निकाली है, जबकि सभी विभागों में यही हाल है। बिना विधायक के हिस्से के कही पर कोई काम शुरू नहीं होता है। इन आरोपो को कांग्रेस ने बेबुनियाद बताया है।
उपसभापति हेमराज चावला और कांग्रेस के नगर अध्यक्ष सुतेन्द्र सारस्वत ने कहा है कि डिस्कॉम व परिषद के विकास कार्यों में तथाकथित अवैध वसूली में विधायक का नाम घसीटना खेदजनक है।
डिस्कॉम की ओर से कुचामन कस्बे में बिजली सप्लाई में होने वाली समस्याओं को दुरूस्त करने के नाम पर संचालित एफआरटी वाहन संचालन एवं नगर परिषद कुचामन द्वारा कराए जा रहे विभिन्न विकास कार्यों में परिषद आयुक्त द्वारा विधायक के नाम से ठेकेदारों व अन्य से एडवान्स राशि वसूलने में उनके पारिवारीक सदस्यों की संलिप्तता होने का नेता प्रतिपक्ष अनिल सिंह व अन्यों द्वारा लगाये गये आरोप प्रथम दृष्टया गलत एवं राजनीतिक दुर्भावना से प्रेरित व सस्ती लोकप्रियता हासिल करने वाले प्रतीत होते है।
कुचामन नगर कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष सुतेन्द्र सारस्वत एवं नगर परिषद उप सभापति हेमराज चावला ने संयुक्त रूप से बताया कि आजादी के 76 वर्षों में मात्र गत 3-4 वर्षों में नावां विधानसभा क्षेत्र के विधायक एवं उपमुख्य सचेतक महेन्द्र चौधरी द्वारा कराये गये रिकॉर्डतोड़ ऐतिहासिक कार्यों को विपक्ष के लोग नहीं पचा पा रहे है।
नावां सहित जिले व प्रदेश में महेन्द्र चौधरी के बढ़ते राजनीतिक कद से व्यथित विपक्षी लोग इनपर एवं इनके परिजनों पर तथ्यविहीन अनर्गल आरोप लगा रहे है, जो सर्वत्र निंदनीय है। जहाँ तक परिषद द्वारा किये गये विकास कार्यों में भ्रष्ट आचरण एवं अवैध वसूली की बात है,
कुचामन नगरपालिका में तो ज्यादातर भाजपा का ही बोर्ड रहा है। इस दौरान भाजपा के गत बोर्ड के चैयरमेन के विरूद्ध भाजपा बोर्ड के ही उपाध्यक्ष द्वारा पालिका द्वारा पट्टे बनाने, विभिन्न विकास कार्यों, नये-नये कॉम्प्लेक्सों के निर्माण की अवैध स्वीकृतियाँ जारी करने, बिना प्लान पास किये ही नयी कॉलोनियों को विकसित करने सहित अन्य कार्यों में व्यापक भ्रष्टाचार की गत राज्य की भाजपा सरकार में 17-18 भाजपा पार्षदों ने पालिका उपाध्यक्ष के नेतृत्व में कई शिकायतें की थी। जिन पर निर्णय आजतक लम्बित चला आ रहा है।
नगर परिषद द्वारा कराए जा रहे विकास कार्यों में आयुक्त द्वारा क्षेत्रीय विधायक के नाम पर अवैध वसूली पर कोई बात करने से पहले अपने पार्टी के गत भाजपा बोर्ड के कृत्यों पर विपक्ष को जनता के सामने अपना पक्ष रखना चाहिये। जहाँ तक डिस्कॉम के बिजली कार्यों में अवैध वसूली की बात है, तो इन तथ्यों की जाँच के बिना क्षेत्रीय विधायक व इनके परिजनों पर राजनीतिक दुर्भावना से लगाये जाने वाले आरोप निंदनीय है।