अरुणजोशी@नावांशहर। आषाढ़ मास, रविवार और सप्तमी तिथि, तीनों के स्वामी सूर्य हैं। इन तीनों का एकसाथ होना सूर्य पूजा के लिए बहुत ही शुभ संयोग हैं। जो कि 25 जून को बन रहा है। इस दिन भानु सप्तमी मनाई जाएगी। 11 साल बाद ऐसा योग बन रहा है। इससे पहले 10 जून 2012 को ऐसा शुभ संयोग बना था। पंडित कल्याण सहाय शर्मा पांचोता ने बताया की 25 जून को सितारों की शुभ स्थिति से 4 बड़े योग भी बनेंगे। इस दिन तिथि, वार, नक्षत्र से मिलकर सर्वार्थ सिद्धि और त्रिपुष्कर योग बनेगा। वहीं, सूर्य-बुध की युति बुधादित्य और सूर्य-चंद्रमा के नक्षत्रों से रवियोग बन रहा है। ग्रहों का शुभ संयोग होने से इस दिन किए गए व्रत, दान और सूर्य पूजा का पुण्य और बढ़ जाएगा। भानु सप्तमी को हिन्दू मान्यताओं और ग्रंथों में बहुत शुभ माना गया है। रविवार के दिन सप्तमी तिथि का संयोग बनने से भानु सप्तमी पर्व मनाया जाता है। इस दिन भगवान सूर्य नारायण के निमित्त व्रत करते हुए उनकी उपासना करने पुण्य है। सूर्य देव को ऊर्जा का प्रतीक कहा जाता है, ऐसी मान्यता है कि इस दिन सूर्य देव की उपासना करने से तमाम तरह के पाप और दुख खत्म होते हैं। मान्यता है कि सूर्य देव को अर्घ्य देने से याददाश्त अच्छी होती है और मन शांत होता है।
मिलता है धन-धान्य–
भानु सप्तमी के दिन सुबह स्नान के बाद पूरे मन से सूर्य भगवान की पूजा करें। इसके बाद तांबे के बर्तन में पानी भरकर तथा उसमें लाल चंदन, अक्षत, लाल रंग के फूल सूर्य देव को ‘ॐ सूर्याय नमः बोलते हुए अर्घ्य दें। प्रार्थना करें कि वो कृपा बनाए रखें। इस दिन जो लोग करते हैं, घर में हमेशा धन-धान्य रहता है।
इस दिन सुबह उठकर जो भी भक्त पूरे विधि-विधान के साथ भानु सप्तमी का व्रत रखता है तो उसे मनचाहा फल मिलता है। ऐसा भी माना जाता है कि जो भक्त इस दिन गंगा स्नान करके सूर्य भगवान को जल अर्पित करता है, उसकी आयु लंबी होती है, उसकी काया निरोगी रहती है और उसे कभी भी धन की कमी नहीं होती है।
सूर्य पूजा का पर्व 25 जून को: 11 साल बाद आषाढ़ माह में भानू सप्तमी का शुभ संयोग
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