विमल पारीक@ कुचामनसिटी।
कुचामन विकास समिति की ओर संचालित कुचामन महाविद्यालय में कार्य कर चुके कॉलेज प्राचार्यो की ओर से उच्च न्यायालय में दायर मामले में आदेशों को विकास समिति मान नहीं रही है। इन प्राचार्यो का लंबे समय से भुगतान अटका हुआ है और समिति यह भुगतान करने से बचने का प्रयास कर रही है। इसको लेकर प्राचार्यो ने शनिवार को कुचामन की महिला महाविद्यालय में प्रेस कॉंफ्रेंस कर जानकारी दी है।
प्राचार्य डॉक्टर राजेश चौधरी ने बताया कि माननीय राजस्थान उच्च न्यायालय जयपुर अवमानना प्रकरण संख्या 281.282/ 2019 (अन्तर्गत डीबी अवमानना संख्या 817.929 / 2018 में पारित निर्णय दिनांक 26.04.2018 ) डॉ अरुण सिन्हा व अन्य पूर्व 5 कार्मिकों तथा विमल किशोर गोड व अन्य पूर्व 6 कार्मिकों (पूर्व अनुदानित संस्था कुचामन कॉलेज कुचामन सिटी) के विभागीय आदेश क्रमांक 450 दिनांक 12.11.2022 877 दिनांक 16.12.2022 के अनुसार तथा वेतनमान एरियर एवं पांचवा वेतनमान सी.ए.एस पद का राज्यांश राशि 80 प्रतिशत का भुगतान राज्य सरकार ने कर दिया गया है।
राज्य सरकार के भुगतान करने के बावजूद भी पूर्व अनुदानित कुचामन महाविद्यालय अपने हिस्से का 20 प्रतिशत भाग तथा उपार्जित अवकाश का भुगतान आज दिनांक तक नहीं किया है। जबकि माननीय राजस्थान उच्च न्यायालय जयपुर का अवमानना आदेश मय आवेदन अध्यक्ष तथा सचिव कुचामन महाविद्यालय प्रबन्ध मण्डल कुचामन सिटी को देने तथा व्यक्तिगत रूप से कई बार अनुरोध करने के बाद भी भुगतान नहीं किया तथा आयुक्तालय कॉलेज शिक्षा विभाग जयपुर राजस्थान के आदेश कमाक एफ 24 (51) लेखा – ए / अनुदान / आकाशि/ 2017 / 863 दिनांक 12.12.2022 के भुगतान करने की आदेश की अनुपालना भी नहीं करे रहे है।
डॉ. राजेश चौधरी, व्याख्याता राजनीति विज्ञान का राजस्थान गैर शैक्षिक संस्थान जयपुर आदेश संख्या 534 / 2014. निर्णय दिनांक 15.02.2023 छठे पांचवां वेतनमान / सी.ए.एस. पद ग्रेज्यूटी उपार्जित अवकाश तथा पीएचडी का अतिरिक्त वेतनवृद्धि इत्यादी का 6 प्रतिशत व्याज सहित भुगतान के आदेश की प्रतिलिपि अध्यक्ष सचिव को देने के बावजूद आज दिनांक तक भुगतान नहीं किया। इस मौके पर चौधरी के साथ अन्य प्राचार्य भी मौजूद रहे।