हेमन्त जोशी/विमल पारीक @ कुचामनसिटी। जन चेतना संदेश समारोह समिति की ओर से रविवार को स्टेशन रोड स्थित नली का बालाजी मंदिर परिसर में जन चेतना संदेश समारोह किया गया।
सर्वप्रथम भारत माता व खिंवादास महाराज, भीमराव अंबेडकर व की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्वलित कर पूजन किया गया। सांगलिया धूणी के पीठाधीश्वर ओमदास महाराज के सानिध्य में आयोजित समारोह का मुख्य उद्देश्य आमजन तक डॉ. अम्बेडकर के सही सामाजिक समरसता के विचारों को पहुंचाना है।
उन्होंने कहा कि बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर व अन्य महापुरुषों ने समाज के लिए काम लिया। बावजूद हम आज भी कई वर्षों पुरानी समस्याओं का समाधान नहीं कर पाए। इसकी जिम्मेदारी सरकार व देश चलाने वालों की है। उन्होंने अपनी जिम्मेदारी ईमानदारी से नहीं निभाई। आज संकल्प लेंगे कि एक-दूसरे में भेदभाव नहीं करेंगे। जिन लोगों ने साजिश के तहत हमें बांटा है उसे दूर करेंगे और बाबा साहेब के अखंड भारत के सपने को पूरा करेंगे।
संत ओमदास महाराज ने कहा कि कुछ संयंत्र के कारण आज घर से धर्म व समाज की भावना का अंत हुआ है। उसके लिए संतों ने सनातन परंपरा को बचाने की जिम्मेदारी ली है। हम सबकी जिम्मेदारी है कि हम उनके विचारों को आगे बढ़ाए। बाबा साहेब को मानने वाले लोग देश में अपनी पहचान बनाते हैं। देश के निर्माण के बेहतर विचार आप को बाबा साहेब से मिलते हैं। साथ रहकर देश की बेहतरी में योगदान देंगे तभी अखंड भारत बनाएंगे।
फतेहपुर के संत दिनेशगिरी महाराज ने कहा कि देश की टुकड़े टुकड़े गैंग ही भारत तोड़ने के लिए अलग अलग हथकंडे अपना रही है। संविधान और सनातन धर्म एक समान है। बाबा साहब अम्बेडकर ने जो संविधान बनाया था उस संविधान का आज पूरा देश सम्मान करता है, लेकिन कुछ लोग अलग अलग समय में देश को तोड़ने के लिए बंटवारे की भावना रखते हैं। उन्हें केवल सनातन संस्कृति को बांटना और तोड़ना है। देश की आजादी के समय भी टुकड़े टुकड़े गैंग ने देश के टुकड़े करवाये और अब वह जातियों के आधार पर बंटवारा कर रहे हैं। लेकिन अब साधु चुप नहीं बैठेगा। अब देश मे साधु सनातन संस्कृति और संविधान को साथ रखने और देश को एकता के सूत्र में पिरोने के लिए निकल पड़े हैं। इसीलिए जन चेतना संदेश समारोह आयोजित किए जा रहे हैं। इस अवसर पर मेघवाल समाज अध्यक्ष रतनलाल डेनवाल, कुमावत समाज नावां के सीताराम नागा ने ओमदास महाराज का दुशाला ओढ़ाकर और श्रीफल भेंट कर स्वागत किया। इसके बाद अन्य संतो का सम्मान हुआ। समाजसेवी करणसिंह ने कार्यक्रम की प्रस्तावना रखी और कहा की सांगलिया धूणी को समर्पित सभी लोग समाज को बदलने वाली नई सोच को जन्म दिया है। जातिवाद के जहर को छोड़कर भेदभाव भुलाकर हमें एक जाजम पर आना है। यही सामाजिक जन चेतना है। देश जब आजाद हुआ तो बाबा साहब ने संविधान दिया लेकिन अब हम चूक रहे हैं। जातिवाद और भेदभाव को हम आज भी पूरी तरह नहीं मिटा सके हैं। अपराधी की कोई जाति नही होती। हमें किसी जाति में नहीं बंटना है। सभी महापुरुष हमारे हैं। अम्बेडकर भी हमारे हैं और राम भी हमारे हैं। युवाओं को अपराध और नशे की दुनिया मे जाने से रोकना चाहिए। किसी को जाति के लिए अपमानित नहीं होना पड़े। सभी को साथ लेकर चलना है। किसी को कोई मनमुटाव नहीं रखना है। सभी को साथ चलना है और राष्ट्रीय एकता व अखंडता बनाकर रखना है। हमें देशविरोधी ताकतों से बचना चाहिए। शिक्षाविद बी एल रणवां ने कहा कि समाज बदल रहा है। एडवोकेट अर्चना ने कहा कि नारी आज राष्ट्रपति तक पहुंच गई है। नारीशक्ति आज देश मे बराबरी की भागीदारी निभा रही है। बाबा साहब का सपना अब तक पूरा नहीं हुआ है। महिला विकास के वादे तो किये जाते हैं लेकिन अब तक पूरी तरह महिला सशक्त नहीं हुई है। महिला रात के अंधेरे तो दूर दिन के उजाले और मां की कोख में भी सुरक्षित नहीं है। सामाजिक कार्यकर्ता शिवदयाल गौड़ ने संबोधित करते हुए कहा कि हमें हरहाल में छुआछूत को मिटाकर देश के विकास और सनातन संस्कृति के रक्षा के लिए एकजुट रहना है।
सर्वसमाज ने की पुष्पवर्षा
सांगलिया पीठ के पीठाधीश्वर ओमदास महाराज के कुचामन आगमन पर पुराने रोडवेज बस स्टैंड पर स्वागत कर बग्गी में बैठाकर रथ यात्रा निकाली गई, जो शहर के लॉयन्स सर्किल, स्टेशन रोड होते हुए नली का बालाजी मंदिर में पहुंची। इस दौरान राजनीतिक पार्टियों, विभिन्न सामाजिक संगठनों द्वारा जगह-जगह पुष्प वर्षा कर उनका भव्य स्वागत किया गया। पुराने बस स्टैंड से महाराज सैकड़ो श्रद्धालुओं के साथ गाजे बाजे से समारोह स्थल पहुंचे।
यह नेता रहे मौजूद
समारोह के संयोजक प्रमोद आर्य, भाजपा नेता विजयसिंह चौधरी, ज्ञानाराम रणवां, बाबूलाल कुमावत पलाड़ा, रजनी गावड़िया, अनिलसिंह मेड़तिया, कर्नल नंदकिशोर ढाका, मानसिंह किनसरिया, श्यामप्रतापसिंह, मंजीतसिंह सांवराद सहित अन्य नेता व सामाजिक कार्यकर्ता मौजूद रहे।