धनेशकुमार. मौलासर। कस्बे के धनकोली रोड़ स्थित कृषि विज्ञान केन्द्र मौलासर पर सोमवार से वैज्ञानिक तरीके से बकरी व भेड पालन पर सात दिवसीय सस्थागत प्रशिक्षण का आयोजन किया गया। जिसमें 60 लाभार्थियो ने प्रशिक्षण में भाग लिया। इस अवसर पर वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष डॉ. अर्जुन सिंह जाट ने प्रशिक्षण कार्यक्रम में सहभागी परिक्षणार्थियो को बताया कि बकरी व भेड पालन एक ऐसा व्यवसाय है जिसमें कम लागत में अधिक लाभ प्राप्त कर सकते है तथा साथ ही प्रशिक्षणार्थियो को यह भी बताया कि बकरी व भेड एक ऐसा पशु है जो विपरीत परिस्थितियो में भी अपना जीवनयापन आसानी से कर सकती है। कृषि विज्ञान केन्द्र मौलासर के पशुपालन वैज्ञानिक डॉ. धीरज कुमार बागडी ने सात दिवसीय संस्थागत प्रशिक्षण कार्यक्रम में बकरी व भेड की उन्नत नस्लों के बारें में जानकारी दी साथ ही बताया कि आज के समय में बकरीपालन का कार्य मांस के उददेश्य से भी किया जा रहा है व इसलिए किसानो को द्विप्रयोजनीय नस्लों का चयन करना चाहिए। जिससे कि उनको ज्यादा मुनाफा प्राप्त हो। प्रसार शिक्षा वैज्ञानिक डॉ. लखमा राम ने बताया कि युवाओं को संबोधित करते हुए प्रारंभिक समय में पशुपालन कृषि का एक अभिन्न अंग रहा है साथ ही राष्ट्रीय पशुधन मिशन के बारे में बताया। इस कार्यक्रम में बागवानी विशेषज्ञ डॉ. अनोप कुमारी, पौध संरक्षण विशेषज्ञ डॉ. ममता चौधरी, शस्य विशेषज्ञ सुमित्रा बम्बारिया, पुष्पा कुमावत आदि उपस्थित रहे।
बकरीपालन पर सात दिवसीय संस्थागत प्रशिक्षण का आयोजन
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