हेमंत जोशी@कुचामनसिटी।
अधिकारियों एवं कर्मचारियों के उदासीन रवैए से उपभोक्ताओं में नाराजगी ग्रामीण अंधेरे में रहने को मजबूर है
क्षेत्र में 2 दिन पहले आई तेज आंधी तूफान और बारिश से कुचामन क्षेत्र में बिजली के तार और बिजली पोल जमीन पर गिर गए। कई जगह पेड़ तारों पर गिर गए। जिससे दो दिन बाद भी ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली नहीं आई। निगम के कर्मचारी दो दिन से बिजली बहाल करने में जुटे हैं। बावजूद इसके कि 36 घंटे बाद भी बिजली सप्लाई नहीं हो पा रही है। लोग पानी के लिए इधर-उधर भटकते नजर आ रहे हैं। बाजार में भी पानी की किल्लत है। क्योंकि बिजली नहीं होने से कुएं ट्यूबेल चालू नहीं हो पा रहे हैं। गोपालपुरा गांव के सामाजिक कार्यकर्ता परसाराम बुगालिया ने बताया कि गुरुवार की रात को आई आंधी तूफान से बिजली व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त हो गई। सबसे खराब हालत ग्रामीण क्षेत्रों की है, जहां 36 घंटे बीत जाने के बाद भी गांव में बिजली आपूर्ति बहाल नहीं हो पाई। इलाके में कई जगह पोल टूटने के कारण ग्रामीण क्षेत्र में बिजली का संकट हो गया है। हालात यह है कि लोगों के मोबाइल स्विच ऑफ हो गए। ग्रामीण अंधेरे में रहने को मजबूर है। ग्रामीण अपने पशुधन को पानी पिलाने में परेशान है। आलम यह है कि पीने के पानी की भी समस्या हो रही है। अगर आगे भी ऐसी ही हालत रही तो बिना पानी के रहना मुश्किल होगा। बुगालिया यह भी कहना है कि अधिकारी कर्मचारी बिजली व्यवस्था जल्दी ही सुचारू होने का दावा जरूर करते हैं। लेकिन हकीकत यह है कि कई उप केंद्रों के एक भी फिडर सुचारू रूप से नहीं चल पाए हैं। बिना बिजली के उपभोक्ता बहुत परेशान है। लेकिन जिम्मेदार अधिकारी कमरे में बैठकर जल्दी आपूर्ति बहाल का दावा जरूर कर रहे हैं। हालात एसे है की अधिकारी एवं कर्मचारियों के उदासीन रवैया से उपभोक्ताओं में नाराजगी है। ग्रामीण अंधेरे में रहने को मजबूर है। लगातार 36 घंटे तक बिजली नहीं पहुंच पाई है।
देखिए वीडियो क्या बोले किसान–