नावां में पूरा नहीं हो रहा कोई भूखा न सोए का संकल्प
अधिकारियों की लापरवाही से लोगों को नहीं मिल रहा आठ रुपए में भोजन
अरुणजोशी. नावांशहर। जब रसोई पर ताला लटका हो कैसे कोई भोजन कर सकता है। ऐसी स्थिति में तो भूखा रहना ही नियति बन जाता है। जी हां सरकार की सस्ता भोजन उपलब्ध करवाने वाली इंदिरा रसोई ताले में कैद है और जिम्मेदार पेट भरकर कुम्भकर्णी नींद सो रहे हैं।
नावांशहर के रेलवे स्टेशन के सामने बुधवार को इंदिरा रसोई बंद होने के कारण लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। राज्य सरकार की ओर से कोई भूखा न सोए के संकल्प से पूरे प्रदेश में इंदिरा रसोई खोली गई। इंदिरा रसोई में पेट भर भोजन मात्र आठ रुपये में उपलब्ध कराया जाता है। इंदिरा रसोई की एक थाली पर लगभग 25 रुपये की लागत आती है। इस राशि में 17 रुपए की राशि राज्य सरकार वहन करती है। इंदिरा रसोई योजना का ध्येय वाक्य कोई भूखा न सोए का संकल्प है. लेकिन नावां मेंं यह संकल्प पूरा नहीं हो रहा है। नावां में दो जगहों पर इंदिरा रसोई संचालित है। लेकिन रेलवे स्टेशन के सामने आए दिन रसोई बंद रहने से लोगों को काफी परेशानी होती है। लोगों को भोजन के लिए भटकना पड़ता है। लोगों की शिकायत पर मौके पर इंदिरा रसोई बंद मिली। लोगों ने बताया की संचालक आए दिन दुकान बंद रखता है। आज पूछने पर संचालक ने कहा की मेरा ऑपरेटर नही आया इसी लिए आज बंद है। लोगों की शिकायत पर जब नगरपालिका के अधिशाषी अधिकारी से बात करने का प्रयास किया गया तो ईओ शिंकेश कांकरिया ने फोन उठाना मुनासिब नहीं समझा। जिससे लोगों ने बताया की अधिकारियों की लापरवाही के कारण ही आमजन परेशान हो रहे है।