कुचामनसिटी. उच्च न्यायालय की रोक के बावजूद आयुक्त श्रवणराम चौधरी के संरक्षण में अवैध कॉम्प्लेक्स बनवाये जा रहे हैं। यह बहुमंजिला इमारतें बिना सेटबैक और निर्धारित पार्किंग के बिना बन रही है। इसके बावजूद परिषद के प्रशासन की ओर से इनके खिलाफ कोई कार्रवाई नही की जा रही है। जिससे संभव है कि सभी निर्माण इनकी मिलीभगत से हो रहे हैं।
इस मामले को लेकर नगरपरिषद में प्रतिपक्ष नेता अनिलसिंह मेड़तिया ने जिला कलक्टर नागौर व आयुक्त को पत्र लिखकर कार्रवाई शुरू करने की मांग की गई है। यदि जल्द कार्रवाई नहीं की गई तो उच्च न्यायालय में अवमानना की कार्रवाई शुरू की जाएगी।
हाईकोर्ट पहले लगा चुका है रोक
उच्च न्यायालय जोधपुर ने 20 अक्टूबर 2021 को एक प्रकरण की सुनवाई में ज़ीरो सेटबैक की अधिसूचना पर रोक लगाई थी। इसके बावजूद शहर के मुख्य मार्गों व गलियों में ज़ीरो सेटबैक के आधार पर कॉम्प्लेक्स का निर्माण कराया जा रहा है। जो स्पष्ट रूप से उच्च न्यायालय की अवहेलना है। नगरपरिषद के आयुक्त भी नक्शे में सेटबैक छुड़वा रहे हैं लेकिन मौके पर सभी कॉम्प्लेक्स बिना सेटबैक के ही बनाये जा रहे हैं। यही नहीं कुचामन में 15 मीटर से ऊंची बिल्डिंग नहीं बनाई जा सकती है। इसके बावजूद यहां 25 मीटर से अधिक ऊंचे कॉम्प्लेक्स बन रहे हैं। कई कॉम्प्लेक्स तो बिना पार्किंग के भी बन रहे हैं। जिससे शहर की ट्रैफिक व्यवस्था भी बिगड़ रही है। उच्च न्यायालय के आदेशों में जिला कलक्टर को भी पार्टी बनाया था। ऐसे में शहर की व्यवस्थाओं पर जिला प्रशासन की भी उतनी ही जिम्मेदारी है।
शमेड़तिया ने पत्र में बताया है कि तत्काल शहर में निर्माणाधीन कॉम्प्लेक्स का अवलोकन करें और नियमविरुद्ध बन रहे निर्माण रुकवाकर कार्रवाई शुरू करें। आगामी दिनों में इस प्रकरण पर उच्च न्यायालय में अवमानना की कार्रवाई की जाएगी। सेटबैक के नियमों को तोड़कर बिल्डर तो कॉम्प्लेक्स बनाकर उसका बेचान कर देते हैं, लेकिन फिर उसमें दुकानें खरीदने वाले ग्राहकों को नई नई मुसीबतें झेलनी पड़ रही है। यही कारण है कि शहर में सड़कें चौड़ी होकर भी मार्ग संकरे हो गए हैं। जगह जगह अतिक्रमण बढ़ गया है। सेटबैक और पर्याप्त पार्किंग के अभाव में वाहन सड़कों पर खड़ें किए जाते हैं। कई कॉम्प्लेक्स मालिकों ने पार्किंग के स्थान पर भी दुकानें बनाकर उसका भी व्यावसायिक उपयोग शुरू कर दिया है। शहर में नगरपरिषद के नियमों के विपरीत कई बहुमंजिला इमारतें बन गई है और कुछ इमारतों का निर्माण कार्य चल रहा है। यह सभी इमारतें उच्च न्यायालय के आदेशों व रोक को भी प्रभावित कर रही है। यह इमारतें बायलॉज के अनुरूप नहीं है और ना ही इनके निर्माण में पर्याप्त पार्किंग, सेटबैक छोड़ा गया है।