शिक्षा नगरी पर नशे का ग्रहण, कुचामन में पनप रहा है ड्रग्स माफिया

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२ लाख रुपए की प्रतिदिन ड्रग्स सेवन कर रहे युवा
छात्रों तक पहुंचाया जा रहा है महंगा और जानलेवा नशा

हेमंत जोशी. कुचामनसिटी शहर में नशीले पदार्थ गांजा, अफीम और चरस के बाद अब युवा खतरनाक ड्रग्स एमडी की जकड़ में आने लगा है। नशे का यह कारोबार शिक्षा नगरी कही जाने वाली कुचामनसिटी में बेखौफ चल रहा है।

नए युवाओं को बिना पैसा लिए एमडी और चरस का नशा करवाया जाता है। जब उसे लत लग जाती है तो उससे मोटी रकम वसूल कर यह नशीली सामग्री मुहैया करवाई जाती है। अधिकांश युवा ऐसे है जो खुद ठिकाना ढूंढते हुए इनके पास पहुंचते हैं। मुख्य रूप शहर के युवाओं के खून में मिल तरह है एमडी यानी एमडीएमए।

फिल्मी सितारों की दुनिया और अंडरवर्ल्ड से जुड़े लोगों के साथ चर्चाओं में आया यह ड्रग्स बॉलीवुड पार्टियों में उपयोग में ज्यादा आता है। कुचामन और मकराना में यह एमडी नागौर, जोधपुर, जयपुर से लाया जाता है।
नशे के इस कारोबार की तह तक जाने का प्रयास किया तो कई रोचक जानकारियां भी सामने आई। दरअसल कुचामन शिक्षा नगरी के रूप में उभर रहा है और यहां ३० हजार से अधिक युवा है। जिसके चलते ड्रग्स माफिया इस शहर के युवाओं में नशे का जहर घोल रहे है। यह एमडी कुचामन में १५०० से २००० हजार रुपए प्रति ग्राम में बिक रहा है। जो कोकीन के बाद सबसे महंगा नशा है। युवा इसका सेवन महंगे पानमसाला में मिलाकर कर रहे हैं। कुछ पानी में घोलकर भी पीते हैं। यह एमडी क्रिस्टल जैसा होता है और घुलनशील है। अकेले कुचामन शहर में प्रतिदिन लगभग ३ लाख रुपए का एमडी बिक रहा है। इसके अलावा मकराना में भी बड़ी मात्रा सप्लाई होती है। कुचामन में इसकी बिक्री करने वाले युवा चुनिंदा ठिकानों एवं होटलों पर बिक्री करते हैं।
ऑर्डर के बाद अलग जगह पर मिलता है एमडी-
शहर में करीब ८-१० लोग मुख्य रूप से इस नशे का कारोबार कर रहे हैं। इन लोगों के परिचित कई दुकानदार एवं होटल-ढाबा संचालक हैं, जो इसकी बिक्री करते हैं। हालांकि पिछले कुछ दिनों से पुलिस की भी इन पर पैनी नजर है। लेकिन अब तक पुलिस के हाथ कोई पुख्ता सुराग नहीं लगे हैं।  पिछले एक माह से जानकारी जुटाई तब  एमडी सप्लाई करने वाले युवाओं की जानकारी मिली। इसके बाद एक युवक से इस नशे की खरीद करवाई गई तो युवक को दो केटेगरी बताई गई। एक ग्राम का एक पाउच १५ सौ का है वहीं दूसरा २ हजार का। जिसे क्रिस्टल बताया गया। जब माल मंगाया तो एक दूसरा व्यक्ति १ ही पाउच लेकर देर शाम को अंधेरा होने के बाद आया और पैसे लेकर पुड़िया हाथ मे थमा दी।
टेक्नोफ्रेंडली है ड्रग माफिया युवा-
जब एमडी बेचने वाले लोगों की पूरी जानकारी जुटाई तो सामने आया कि यह लोग टेक्नोफ्रेंडली भी है। यह अधिकांश तौर पर केवल व्हाट्सअप कॉलिंग पर ही बात करते हैं। इसके अलावा यह व्हाट्सअप भी पाकिस्तानी नम्बरो से चलाते है। कुछ ड्रैग पैडलर दूसरे राज्यों के नम्बर से व्हाट्सअप चलाते हैं। इसके अलावा यह इंटरनेट भी अपने फोन की जगह वाईफाई के सहारे काम मे लेते हैं।
मुनाफा बताकर देते हैं जुड़ने का लालच-
यह ड्रग पैडलर दूसरे शहरों के युवाओं को ड्रग्स और दूसरे नशों की सप्लाई में लाखों का मुनाफा होने का लालच देकर जोड़ते हैं। पैडलर खुद लग्जरी गाड़ियां रखते हैं और इनका हाईप्रोफाइल स्टेटस देख दूसरे युवा भी इनकी ओर आसानी से आकर्षित हो जाते हैं।