34 करोड़ से अधिक रूपए चुकाने के बाद भी नहीं दिए गए आवास, 2009 में शुरु हुई थी अर्फोडेबल हाउसिंग स्कीम, 13 साल बाद भी अधूरी है योजना
कुचामन सिटी. गत कांग्रेस सरकार के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की ओर से 2009 और 2013 में शुरू की गई आवास योजना नगरपालिका के अधिकारियों की लापरवाही और ढिलाई के चलते 13 साल बाद भी पूरी नहीं हो सकी। मुख्यमंत्री आवास योजना के नाम पर जनता से करोड़ों रुपए तो वसूल लिए लेकिन इन परिवारों को अब तक अपने सपनों का घर नसीब नहीं हुआ है।
राज्य सरकार एवं नगरपालिका की ओर से वर्ष 2009 में निम्नवर्गीय एवं मध्यमवर्गीय लोगों को आवास सुविधा मुहैया करवाने के लिए शुरु की गई अर्फोडेबल हाउसिंग स्कीम 13 साल बाद भी अधुरी पड़ी है। योजना के अन्तर्गत बनवाए जा रहे फ्लेट्स भी अब तक पूरी तरह तैयार नहीं हो पाए है। जबकि स्कीम के तहत लाभान्वित होने होने से सैंकड़ों लोगों के पूरे रुपए भी जमा हो चुके है और पालिका की ओर से संबंधित निर्माण करने वाली फर्म को भी करोड़ो रुपए का भुगतान कर दिया गया है। स्वायत्त शासन विभाग जयपुर की ओर से कई बार आवेदनकर्ताओं को आवास उपलब्ध करवाने के निर्देश दिए जा चुके है। लेकिन नगरपालिका की लापरवाही के चलते अब तक ना तो निर्माण कार्य पूरा हुआ है और ना ही आम जन को आवास की सुविधा मुहैया हुई है।
44 करोड़ की है योजना- शहर में आम जन को आवास मुहैया करवाने की दृष्टि से शुरु की स्कीम 44 करोड़ की है। जिसमें से नगरपालिका की ओर से श्रीराम बालाजी डवलपर्स को करीब 30 करोड़ एवं श्रीनारायण डवलपर्स को करीब 4 करोड़ से अधिक का भुगतान कर दिया गया है। श्रीराम बालाजी डवलपर्स की ओर से मौके पर कार्य जारी है वहीं नारायण डवलपर्स की ओर से फ्लेट का कार्य ही बंद पड़ा है।
१३९५ परिवारों को मिलना था लाभ- श्रीराम बालाजी डवलपर्स की ओर से शहर के निकट हनुमानपुरा में फ्लेट्स का निर्माण कराया जा रहा है। जहां ८४८ फ्लेट्स बनाए जा रहे है। वहीं श्रीनारायण डवलपर्स की ओर से पदमपुरा रोड़ पर ५४७ फ्लेट्स का निर्माण अधूरा पड़ा है। योजना के तहत आवेदनकर्ताओं को तीन साल में आवास की सुविधा मुहैया करवानी थी। लेकिन ११ साल बीत जाने के बावजूद अभी तक आवास नहीं मिलने से लाभान्वित होने वाले परिवार खुद को ठगा सा महसूस कर रहे है। अर्फोडेबल हाउसिंग स्कीम के तहत निम्न वर्गीय लोगों को २ लाख ४० हजार रुपए में आवास एवं मध्यम वर्गीय लोगों को ३ लाख ७५ हजार रुपए में आवासीय सुविधा दी जा रही है। जिसमें पचास हजार रुपए की सब्सिडी भी है।
४०० लोगों ने चुका दिया ऋण- योजना के तहत लाभान्वित होने वाले १३९५ लोगों में से अधिकांश लोगों ने तो अपनी पूरी किश्त जमा करवाने के साथ ही बैंक का ऋण भी चुका दिया है। लेकिन इसके बावजूद आवास की सुविधा नहीं मिली है। जिससे न तो सरकार की मंशा पूरी हो सकी और ना ही आम जन को आवास की सुविधा मिली।
पीडि़तों ने कहा, लेंगे न्यायालय की शरण- योजना के तहत आवास लेने वाले पांचोता निवासी गंगाराम बिजारणियां, दलेलपुरा निवासी राजेन्द्र वैष्णव सहित अन्य लोगों ने बताया कि सरकार की इस योजना के तहत आवेदन करने के बाद पैसे भी जमा करवा दिए। लेकिन इतने साल बीतने के बाद भी आवास की सुविधा मुहैया नहीं हो रही है। यदि शीघ्र ही आवास नहीं मिले तो आगामी दिनों सभी पीडि़ता न्यायालय और उपभोक्ता मंच की शरण में जाऐंगे।
बिजली कनेक्शन नहीं- बाह्य विकास की दृष्टि से नगरपालिका अब तक मौके पर कोई सुविधा नहीं दे पाई है। पिछले लंबे समय से बिजली का कनेक्शन नहीं हो रहा है। विद्युत निगम की ओर से डिमांड नोट निकालने के बावजूद पालिका की ओर से विद्युत निगम को रुपए जमा नहीं करवाए गए है। इसी प्रकार पानी की व्यवस्था की ओर से पानी की व्यवस्था नहीं हो रही है। जबकि श्रीराम बालाजी की ओर से पानी की टंकी बनवा दी गई है।