संकरी गलियों में आग बुझाने के नहीं नहीं है इंतजाम, प्रशासन है नाका, गलियों में खड़ी है अधिकांश बहुमंजिला इमारतें
कुचामनसिटी. एक लाख की आबादी का रियासतकालीन शहर। जहां अधिकांश आबादी आज भी पुराने परकोटे के बीच संकरी गलियों में बसती है। इन गलियों में कपड़े की दुकानों समेत कई बाजार और बहुमंजिला कॉम्प्लेक्स भी है। जहां कभी आगजनी होने की स्थिति को काबू करने के लिए प्रशासन के पास कोई संसाधन नहीं है। यहां आग बुझाने के नाम पर केवल टैंकर ही एकमात्र सहारा बन सकते हैं। लेकिन टैंकर से तत्काल काबू पाना सम्भव नहीं है। ऐसे में शहर में कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। इसकी वजह यह है कि कुचामन नगर परिषद के पास आग बुझाने के लिए छोटी दमकल नहीं है। परिषद की बड़ी दमकल है वो इन संकरे बाजारों में प्रवेश नहीं कर सकती है। ऐसे पानी के टैंकरों से आग बुझाना सम्भव नहीं है।
एक दमकल, क्षेत्र बड़ा
कुचामन के फायर स्टेशन में एक बड़ी दमकल पर कर्मचारियों का स्टाफ भी है। क्षेत्र के आसपास में बड़ी दमकल नहीं होने के चलते इसी दमकल को भेजा जाता है। कुचामन से जयपुर, सीकर, डीडवाना सीमा तक यही दमकल आग बुझाने के लिए जाती है। हाल ही में सेवा समिति की गली में खड़ी एक कार को आधे घण्टे तक बुझाने के कोई प्रयास नहीं हुए। बाद में टैंकर की मदद से आग बुझाई तब तक कार पूरी तरह जल गई।
छोटी दमकल के लिए 10 वर्षों से ले रहे प्रस्ताव
जिस तरह से शहर का विकास हो रहा है। ऐसे में छोटी दमकल होना आवश्यक है। नगरपरिषद की ओर बार-बार छोटी दमकल लाने के लिए हर बार बैठक में प्रस्ताव ले लिया जाता है। इसके लिए करीब 6 माह पहले प्रस्ताव भी सरकार के पास भेजा गया, लेकिन अभी भी दमकल का इंतजार है।
पिछली कांग्रेस सरकार में भेजे थे प्रस्ताव.
अग्निशमन विभाग के कर्मचारियों ने बताया कि करीब 10 वर्षों में दो सरकारों के विधायकों से लगातार छोटी दमकल की मांग कर रहे है, लेकिन केवल आश्वासन के अलावा कुछ नहीं मिला। अग्निशमन विभाग के कर्मचारियों ने बताया कि छोटी दमकल की मांग को लेकर कांग्रेस के कार्यकाल में विधायक महेन्द्र चौधरी से भी कई बार पत्राचार कर एवं मौखिक में अवगत कराकर दमकल की मांग की गई। सम्भव है कि विधायक महेन्द्र चौधरी के दखल के बाद ही स्वायत्त शासन विभाग की ओर कुचामन में छोटी दमकल भेजी जा सकती है। विभाग को भी कुचामन शहर का हित देखते छोटी दमकल की सौगात देनी चाहिए।
इनका कहना है
छोटी दमकल को लेकर करीब 6 माह पहले प्रस्ताव बनाकर भेजा गया था। लेकिन अभी दमकल नहीं मिली है। विधायक को भी इस मांग को लेकर अवगत कराया गया है।
श्रवणराम चौधरी
आयुक्त, नगरपरिषद