
नावां न्यूज: पुलिस द्वारा एक अधिवक्ता के साथ गाली-गलौज, मारपीट और अमानवीय व्यवहार करने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। इस घटना से अधिवक्ताओं और समाज में भारी आक्रोश फैल गया है।

नावां बार एसोसिएशन ने वरिष्ठ सिविल न्यायाधीश और अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट को लिखित शिकायत देकर आरोपी थानाधिकारी और पुलिसकर्मियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने की मांग की है।


घटना के बाद अधिवक्ता संघ ने न्यायिक कार्यों का बहिष्कार करने का निर्णय लिया है, जबकि पीड़ित समाज ने भी बड़े आंदोलन की चेतावनी दी है।
दरअसल, नावां बार एसोसिएशन के सदस्य और वार्ड नंबर 1 के पार्षद गोपाल सिंह राठौड़ पुत्र पूरण सिंह निवासी नावां 14 मार्च को मारोठ गांव स्थित भगवान रघुनाथ मंदिर की भूमि से जुड़े कानूनी मामले में पैरवी करने गए थे। इस दौरान जब वे मारोठ थाने पहुंचे, तो वहां तैनात पुलिसकर्मियों ने उनके साथ नशे की हालत में दुर्व्यवहार किया।
शिकायत के अनुसार, थानाधिकारी शंकर कड़वा, सिपाही सुखराम जाट, डीओ मदनलाल, सिपाही रोहितास सहित थाने के सभी स्टाफ ने शराब पी रखी थी। जैसे ही अधिवक्ता ने अपने मामले की जानकारी दी, थानाधिकारी कड़वा ने गालियां देना शुरू कर दिया। जब अधिवक्ता ने विरोध किया और अपना परिचय देते हुए बताया कि वे नावां कोर्ट में अधिवक्ता हैं, तो पुलिसकर्मियों ने और ज्यादा अभद्र भाषा का प्रयोग किया।
थानाधिकारी ने कहा कि
“तेरी वकील की ऐसी-तैसी… वकील है तो हमारे ऊपर तोप थोड़ी है… तेरे जैसे कई वकील देखे हैं!”
जब अधिवक्ता गोपाल सिंह ने शांतिपूर्वक बातचीत करने को कहा तो थानाधिकारी ने उनकी कॉलर पकड़ ली। इसी दौरान सिपाही सुखराम जाट ने उनके साथ जबरदस्ती की उनके कपड़े खुलवाए और उन्हें पूरी रात थाने की बेरक में बंद रखा।

नावां और कुचामन बार एसोसिएशन की हड़ताल
घटना के बाद नावां बार एसोसिएशन ने कड़े शब्दों में निंदा की और सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित किया कि जब तक दोषी थाना अधिकारी और पुलिसकर्मियों को निलंबित नहीं किया जाता तब तक अधिवक्ता संघ किसी भी न्यायिक कार्य में भाग नहीं लेगा।
बार एसोसिएशन ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द कार्रवाई नहीं हुई तो प्रदेशभर के अधिवक्ता उग्र आंदोलन करेंगे।
कुचामन बार एसोसिएशन का समर्थन
कुचामन बार एसोसिएशन ने भी इस घटना का कड़ा विरोध करते हुए 15 मार्च से न्यायिक कार्यों को अनिश्चितकाल तक स्थगित करने का फैसला लिया है। उन्होंने स्पष्ट कहा कि जब तक दोषियों पर ठोस कार्रवाई नहीं होती, तब तक अधिवक्ता किसी भी न्यायिक कार्यवाही में भाग नहीं लेंगे।

राजपूत समाज का भी विरोध प्रदर्शन
इस घटना के बाद पीड़ित अधिवक्ता के समाज ने भी विरोध तेज कर दिया है। राजपूत समाज के लोग धरने पर बैठ गए हैं और पुलिस प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी कर रहे हैं। समाज के लोगों की मांग है कि आरोपी पुलिसकर्मियों को निलंबित किया जाए और पीड़ित को न्याय दिलाया जाए।
समाज ने साफ कहा है कि यदि जल्द न्याय नहीं मिला, तो वे उग्र आंदोलन करेंगे।
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