नावां न्यूज: सरकार के एक आदेश के कारण सरकारी स्कूलों में नामांकन बढ़ नहीं पा रहा। आदेश यह है कि इस इस सत्र से पहली कक्षा में प्रवेश के लिए बच्चे की आयु 6 वर्ष होनी चाहिए।

इससे कम आयु के बच्चों को पहली कक्षा में प्रवेश नहीं दिया जा सकता। इस आदेश के कारण कई बच्चों का एडमिशन सरकारी स्कूलों में नहीं हो पाया। ऐसे बच्चे प्राइवेट स्कूलों में चले गए, क्योंकि प्राइवेट स्कूलों में 3 वर्ष के बच्चों को भी एडमिशन मिल रहा है। इस आदेश के कारण शिक्षक भी परेशान हैं, क्योंकि शिक्षकों को हर साल 10 फीसदी नामांकन बढ़ाने का टारगेट मिलता है।


उल्लेखनीय है कि सरकारी स्कूल के बच्चों को सरकार नि:शुल्क किताबें, मिड-डे-मील, ड्रेस और विभिन्न प्रकार की छात्रवृत्ति देती है, लेकिन इन स्कूलों में बच्चों की संख्या नहीं बढ़ रही है। नामांकन में हर साल गिरावट होती जा रही है और स्कूलों को मर्ज किया जा रहा है।
इन कारणों से भी नहीं बढ़ रहा नामांकन:-
1.शिक्षकों को गैर शैक्षणिक कार्य में व्यस्त रखना।

2.सभी शिक्षकों और बच्चों को प्रत्येक दिन पौधे लगाने, गड्ढा खोदने और उसकी सूची विभाग को देने की जिम्मेदारी।
3.प्राथमिक स्कूलों में मूलभूत सुविधाओं की कमी।
4.हिंदी माध्यम के स्कूलों को अंग्रेजी माध्यम में तब्दील करने पर शिक्षकों का टोटा।
5.सरकारी स्कूलों में गुणवत्ता वाली शिक्षा नहीं मिलना।
इनका कहना:-
शिक्षा विभाग की ओर से नामांकन बढ़ाने के लिए डोर-टू-डोर सर्वे अभियान चलाया जा रहा है। सरकार की योजनाओं को बताया जा रहा है। महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में बच्चों का रुझान बढ़ा है। विभाग लक्ष्य को हासिल करने में जुटा हुआ है।
मालचंद नेटवाल,
मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी, नावां।