कुचामन सिटी में ट्रैफिक अव्यवस्था और अतिक्रमण ने आम जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित किया है। सबसे बड़ा नुकसान लोगों के समय और मानसिक शांति का हो रहा है।

रोज़ाना लगने वाले जाम के कारण स्कूल, ऑफिस, अस्पताल और बाजार जाने में भारी देरी होती है। कई बार मरीजों को समय पर अस्पताल नहीं पहुंचाया जा पाता, जिससे जान का खतरा तक बन जाता है।


मुख्य बाजारों में रोजाना जाम की स्थिति –
कुचामन सिटी में जाम का पहला मुख्य कारण सारडा कॉम्प्लेक्स है। कॉम्प्लेक्स के बाहर बहुत ज्यादा जाम लगा होता है। उस सड़क पर डिवाइडर भी बना हुआ है, जिस कारण से उस रोड पर गुजरने वाले राहगीरों को बहुत तकलीफ होती है।
दूसरा मुख्य कारण हॉस्पिटल रोड है, जहां लाइन से मेडिकल की दुकानें हैं। उन दुकानदारों के वाहन और ग्राहकों के वाहन वहीं सड़क पर खड़े रहते हैं, जिस कारण से वहां से गुजरने वाले वाहनों को मुश्किल होती है। आने-जाने वाले वाहन बीच में फंस जाते हैं क्योंकि सड़क के दोनों तरफ वाहन खड़े रहते हैं, जिससे सड़क संकरी हो जाती है। कई बार इस कारण से लोगों में झगड़े भी हो जाते हैं।

इसी तरह कुचामन में और भी मुख्य बाजार हैं, जैसे – गोल प्याऊ, पुराना बस स्टैंड, सीकर रोड, डीडवाना रोड, जैसे क्षेत्रों में ट्रैफिक आम बात हो गई है। स्कूली समय और ऑफिस आवागमन के दौरान हालात बहुत खराब हो जाते हैं।
स्कूलों की बसें जाम में अटक जाती हैं, ऑफिस जाने वालों को भी इस ट्रैफिक का सामना करना पड़ता है। इस ट्रैफिक के कारण लोगों को समय और मानसिक शांति का नुकसान सहन करना पड़ता है।
अवैध अतिक्रमण बना जाम की जड़ –
अतिक्रमण की वजह से सड़कें संकरी हो रही हैं, जिससे दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ रहा है। दुकानदारों द्वारा दुकानों के बाहर ठेले, टीन शेड, टेबल और सामान फैलाने से सड़कों की चौड़ाई घट गई है। अस्थायी दुकानें पैदल राहगीरों के लिए भी जगह नहीं छोड़तीं।
पार्किंग व्यवस्था फेल, हर मोड़ पर लग रही वाहन की कतारें –
पार्किंग की कमी से लोग सड़क पर ही वाहन खड़े कर देते हैं, जिससे आपातकालीन सेवाएं जैसे फायर ब्रिगेड या एंबुलेंस भी फंस जाती हैं। यह न केवल सुरक्षा में बाधा है, बल्कि कानूनी नियमों की अनदेखी भी है। इससे न केवल ट्रैफिक बाधित होता है, बल्कि झगड़े और दुर्घटनाओं की स्थिति भी बनती है।
प्रशासनिक कार्रवाई केवल दिखावा –
नगर परिषद और ट्रैफिक पुलिस द्वारा कभी-कभार अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की जाती है, लेकिन यह केवल कुछ घंटों या दिनों तक असरदार रहती है। स्थायी समाधान न होने से अतिक्रमण दोबारा लौट आता है और हालात जस के तस बने रहते हैं।
स्थानीय लोगों की नाराजगी, समाधान की मांग
शहरवासियों का कहना है कि प्रशासन को सख्ती से स्थायी अतिक्रमण हटाने की नीति लागू करनी चाहिए। ट्रैफिक पुलिस को सक्रिय करते हुए रूट व्यवस्था, सीसीटीवी निगरानी, और फिक्स पार्किंग एरिया बनाए जाने की जरूरत है।
लोगों को हो रहा बड़ा नुकसान – जाम और अतिक्रमण के कारण लोगों का समय, ईंधन और धैर्य बर्बाद हो रहा है।
मरीजों को अस्पताल पहुंचाना कठिन हो जाता है और व्यापार भी प्रभावित हो रहा है। साथ ही, प्रदूषण और दुर्घटना का खतरा बढ़ गया है।
त्योहारी भीड़ से पहले हो कार्रवाई –
आने वाले दिनों में हरियाली अमावस्या, तीज, रक्षाबंधन जैसे कई बड़े त्यौहार आने वाले हैं। ऐसे में बाजारों में दुकानों पर और भी ज्यादा भीड़ होगी। आस-पास के गांवों से भी बड़ी संख्या में लोग खरीदारी के लिए आएंगे। ऐसे समय में यदि अतिक्रमण और ट्रैफिक व्यवस्था पर ध्यान नहीं दिया गया, तो हालात और बिगड़ सकते हैं।
इसलिए प्रशासन को चाहिए कि पहले से ही अभियान चलाकर अतिक्रमण हटाए, ताकि किसी भी प्रकार की परेशानी से बचा जा सके और त्योहारी सीजन में शहर व्यवस्थित बना रहे।
रिपोर्ट- मीनाक्षी शर्मा
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