कुचामन सिटी. आनंदपुरा निवासी डालूराम बावरी की सड़क दुर्घटना में हुई दुखद मृत्यु के बाद उनके परिवार के छह बच्चों (पाँच पुत्रियाँ और एक पुत्र) की शिक्षा की जिम्मेदारी उठाने वाले भामाशाह विजेंद्र मुहाल ने आज एक बार फिर समाज के सामने इंसानियत की मिसाल पेश की है।

यंगेस्ट स्कूल, कुचामन के संचालक पवन कुमावत के साथ मिलकर मुहाल ने इस जरूरतमंद परिवार के बच्चों को स्कूल ड्रेस, जूते-मोजे, टाई-बेल्ट, बैग, किताबें और अन्य आवश्यक शैक्षणिक सामग्री उपलब्ध करवाई। विजेंद्र मुहाल स्वयं विद्यालय पहुंचे और बच्चों को यह सभी सामग्री भेंट की, ताकि उनकी शिक्षा की राह सुगम बन सके।


यह परिवार कुचामन क्षेत्र के गाँव आनंदपुरा का निवासी है। दुर्घटना के बाद इन मासूम बच्चों के सामने शिक्षा और भविष्य को लेकर गंभीर संकट खड़ा हो गया था। ऐसे कठिन समय में विजेंद्र मुहाल और पवन कुमार ने मिलकर इन बच्चों को गोद लिया और उनकी सम्पूर्ण शिक्षा का संकल्प लिया — और आज उन्होंने उसे निभाकर दिखाया।
“इन मासूमों की आँखों से आँसू पोंछकर इन्होंने केवल जिम्मेदारी नहीं निभाई, बल्कि समाज के लिए एक आदर्श प्रस्तुत किया — अब हर बच्चा पढ़ेगा।”
“दुख की घड़ी में जहाँ लोग साथ छोड़ देते हैं, वहीं भामाशाह विजेंद्र जी और स्कूल संचालक पवन जी ने इन बच्चों को गले लगाकर उन्हें एक नया जीवन दिया।”

विजेंद्र मुहाल का यह कदम केवल एक परिवार के लिए नहीं, बल्कि पूरे समाज के लिए प्रेरणा है। ऐसे भामाशाहों से समाज को नई उम्मीद, ऊर्जा और दिशा मिलती है।
डीडवाना-कुचामन में जमीन आवंटन से विकास कार्यों को मिली रफ्तार
कुचामन सिटी: मॉडर्न स्कूल पांचवा में रक्तदान शिविर के पोस्टर का विमोचन
कुचामन में लावारिस गोवंश का आतंक: सड़कों पर आमजन और वाहनों को नुकसान