नावां उपखंड मुख्यालय सहित आसपास के क्षेत्र में कुल दो हजार पांच सौ नमक उत्पादन इकाइयां हैं जहां लगभग चालीस हजार श्रमिक मध्यप्रदेश व बिहार से मजदूरी करने के लिए आते हैं, वहीं लगभग दस हजार श्रमिक नावां सहित आसपास के गांवों से अपनी रोजी-रोटी के लिए मजदूरी करते हैं।

हर वर्ष लगभग जून माह के अंत में तथा जुलाई माह में मानसून शुरू होने के साथ ही नमक उत्पादन इकाइयां बंद हो जाती हैं। जिसके चलते लगभग पचास हजार श्रमिक चार माह के लिए बेरोजगार हो जाते हैं।


मध्यप्रदेश व बिहार के श्रमिक बारिश होने के साथ ही अपने घरों को लौट जाते हैं, वहीं स्थानीय श्रमिक बेरोजगार होकर घर बैठ जाते हैं। जुलाई माह चल रहा है तथा मानसून की दस्तक के साथ ही सभी नमक उत्पादन इकाइयां बंद हो गईं।
जून माह में बंद हुई नमक उत्पादन इकाइयां दीपावली से वापस शुरू होंगी। जब तक सभी श्रमिक बेरोजगार रहेंगे। नमक मंडी में मार्च माह से जून माह तक नमक का उत्पादन तीन गुना होता है। इस दौरान नमक रिफाइनरी संचालकों की ओर से नमक का स्टॉक कर लिया जाता है। इस बार मौसम नमक उत्पादन के अनुकूल नहीं रहा।

जिसका परिणाम है कि हर वर्ष की तुलना में लगभग 60 प्रतिशत ही नमक स्टॉक हो चुका है। स्टॉक हुए नमक से छह माह तक दूसरे राज्यों में नमक की आपूर्ति की जाती है। लेकिन इस बार सर्दी माह में नमक स्टॉक नहीं रहने के कारण भावों में तेजी रह सकती है।
फैक्ट फाइल :-
- 10 हजार करोड़ का सालाना टर्नओवर है नावां औद्योगिक क्षेत्र का।
- 25 लाख मैट्रिक टन नमक का होता है सालाना उत्पादन।
- 25 से अधिक नमक रिफाइनरियां हैं नमक को शुद्ध करके बाजार में भिजवाने के लिए।
- 2500 के करीब नमक उत्पादन इकाइयां हैं नावां क्षेत्र में।
- 50 हजार से अधिक श्रमिक कार्यरत हैं नमक में।
नावां की मालियों की ढाणी में एक घर से सोने-चांदी के गहनों सहित 16 लाख की चोरी