डीडवाना-कुचामन जिले में सोमवार रात से शुरू हुई बारिश मंगलवार को पूरे दिन जारी रही, जिससे जिलेभर में आमजन को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा और हालात अब भी गंभीर बने हुए हैं।

कुचामन सिटी, डीडवाना, मकराना, नावां सहित कई कस्बों और गांवों में जलभराव की स्थिति बन गई है।


कुचामन सिटी में जगह-जगह जलभराव, अधूरे कार्य बने परेशानी का कारण
कुचामन सिटी के कई इलाकों में नगरपरिषद द्वारा अधूरे छोड़े गए विकास कार्य और खराब ड्रेनेज व्यवस्था के चलते जलभराव की स्थिति बन गई है। कई सड़कें अधूरी हैं, जगह-जगह गड्ढे और नालियों की सफाई नहीं होने से बरसात का पानी लोगों के घरों और दुकानों तक पहुंच गया है। नगरपरिषद की ओर से किसी प्रकार की त्वरित कार्रवाई नहीं होने से लोग अपने स्तर पर समाधान खोजने को मजबूर हैं।

इंडाली गांव में ट्रैक्टर से कर्मचारियों को निकाला गया बाहर
नावां तहसील के इंडाली गांव स्थित भारत निर्माण राजीव गांधी सेवा केंद्र में बारिश का पानी भर गया। जलभराव इतना अधिक हो गया कि कार्यालय में मौजूद कर्मचारियों को ट्रैक्टर की मदद से बाहर निकाला गया। प्रशासनिक अनदेखी के चलते ग्रामीणों में रोष है।


नावां के राजकीय विद्यालय में भीषण जलभराव
नावां कस्बे के पीएम श्री राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में जलभराव के कारण विद्यार्थियों और शिक्षकों को भारी परेशानी झेलनी पड़ रही है। स्कूल परिसर में पानी भरने से कक्षाएं प्रभावित हुईं और विद्यार्थियों को पानी से होकर गुजरना पड़ा।
मकराना में सबसे ज्यादा (136 मिमी) बारिश
जयपुर मौसम केंद्र के अनुसार – बीते 24 घंटे में राजस्थान के भीलवाड़ा जिले के बिजोलिया में सर्वाधिक 183 मिमी, चित्तौड़गढ़ के भैंसरोडगढ़ में 174 मिमी और मकराना (डीडवाना-कुचामन) में 136 मिमी बारिश दर्ज की गई है। इससे मकराना जिले में सबसे अधिक बारिश वाला शहर बन गया है।
पूरे जिले में ठंडक का माहौल, सूरज बादलों में छिपा
डीडवाना, कुचामन, मकराना और नावां जैसे शहरों में लगातार बारिश के कारण मौसम में ठंडक घुल गई है। आसमान में बादल छाए हुए हैं और सूरज देवता पूरी तरह से ओझल हैं। तापमान की बात करें तो जिलेभर में अधिकतम तापमान 27 डिग्री सेल्सियस के आसपास बना हुआ है।
बारिश से बनी विकट स्थिति के बीच बड़ा सवाल यह है कि नगर निकायों की भूमिका क्या है? कुचामन नगरपरिषद, डीडवाना, मकराना व नावां के स्थानीय निकायों की निष्क्रियता से नागरिकों में नाराजगी बढ़ रही है।
जलभराव, अधूरी सड़कें और कमजोर ड्रेनेज व्यवस्था की वजह से हर बारिश में आमजन त्रस्त होता है, लेकिन समाधान के नाम पर केवल खानापूर्ति की जा रही है।