कुचामन सिटी. शहर में डोर-टू-डोर कचरा संग्रहण व्यवस्था धीरे-धीरे बेपटरी होती जा रही है। नगर परिषद द्वारा स्वच्छता बनाए रखने के उद्देश्य से एक निजी एजेंसी को कचरा उठाने का ठेका दिया गया था, लेकिन लगातार लापरवाही के चलते यह योजना विफल होती नजर आ रही है।

नगर परिषद कुचामन सिटी को भगतसिंह यूथ ब्रिगेड के प्रदेशाध्यक्ष एवं विश्व जाट महासभा के प्रदेश उपाध्यक्ष परसाराम बुगालिया ने एक मांग पत्र सौंपा है, जिसमें उन्होंने ठेका तत्काल प्रभाव से रद्द करने और एजेंसी से रिकवरी व जुर्माने की मांग की है।


बुगालिया ने आरोप लगाया कि ठेकेदार द्वारा टेंडर की शर्तों और गाइडलाइंस का पालन नहीं किया जा रहा है। कचरा उठाने के लिए निर्धारित गाड़ियां नियमित रूप से वार्डों में नहीं पहुंच रही हैं, जिससे कई वार्डों में दिनों तक कचरा नहीं उठाया जाता। इससे नागरिकों को भारी असुविधा का सामना करना पड़ रहा है।
मांग पत्र में लिखा गया है कि समाचार पत्रों में भी कई बार सफाई व्यवस्था की लचर स्थिति पर खबरें छप चुकी हैं, लेकिन नगर परिषद की ओर से अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है। ठेकेदार द्वारा न तो नियमित रूप से कचरा उठाया जा रहा है और न ही सफाई व्यवस्था संतोषजनक है, जिससे बीमारी फैलने का खतरा बढ़ गया है।

नगर परिषद ने निजी कंपनी को तय राशि पर डोर-टू-डोर कचरा संग्रहण का ठेका तो दे दिया है, लेकिन गाड़ियों की मॉनिटरिंग नहीं की जा रही है, जिससे ठेकेदार और उसके कर्मचारी मनमानी कर रहे हैं।
आस्था के मार्ग पर गंदगी का आलम
सावन के महीने में धार्मिक स्थलों पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ती है, लेकिन मंदिरों तक पहुंचने वाले रास्ते कचरे से अटे पड़े हैं। बहते गंदे पानी और कचरे के ढेरों से होकर श्रद्धालु मंदिर पहुंचने को मजबूर हैं। इससे न केवल असुविधा हो रही है बल्कि धार्मिक भावनाओं को भी ठेस पहुंच रही है।
विशेष रूप से सावन के सोमवार को मंदिरों में भीड़ अधिक रहती है, ऐसे में सफाई व्यवस्था का चरमराना गंभीर चिंता का विषय है। ठेकेदार की लापरवाही के चलते समय पर कचरा नहीं उठाया जाता, जिससे घरों में कचरा जमा होता है या फिर लोग मजबूरी में सड़कों पर फेंकते हैं। इससे न सिर्फ शहर में गंदगी फैलती है बल्कि बीमारियों का खतरा भी बढ़ जाता है।
सफाई व्यवस्था की यह स्थिति शहर की स्वच्छता रैंकिंग पर भी असर डाल रही है। नगर परिषद को ठेकेदारों पर सख्त निगरानी रखनी चाहिए और सुनिश्चित करना चाहिए कि वे समय पर कचरा उठाएं। लापरवाही की स्थिति में जुर्माना लगाना आवश्यक है।
शहर की सफाई व्यवस्था में सुधार जनहित का विषय है और नगर परिषद को इस पर प्राथमिकता से ध्यान देना चाहिए।
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