कुचामन सिटी। कहते हैं कि न्यायालय सबसे बड़ा सम्मानीय स्थान माना जाता है, जो सभी का निर्णय करता है, लेकिन कुचामन सिटी की न्यायालय बिल्डिंग खुद अपने आंसू बहा रही है—क्योंकि अधिकारी ध्यान नहीं दे रहे।

अपर लोक अभियोजक, कुचामन सिटी के कार्यालय की छत जो कि आर.सी.सी. से निर्मित है, पूर्णतः क्षतिग्रस्त हो चुकी है और मरम्मत योग्य नहीं है। इस छत का प्लास्टर निरंतर गिरता रहता है। आर.सी.सी. के लोहे के सरिए छत से बाहर निकल चुके हैं। वर्तमान में बारिश का मौसम है और बरसात हो रही है, जिससे छत से पानी टपक रहा है।


ऐसे में अपर लोक अभियोजक स्वयं, उनका स्टाफ, कार्यालय में आने वाले अधिवक्ता, साक्षीगण, पुलिसकर्मी, अधिकारीगण एवं राज्य की ओर से उपस्थित होने वाले पक्षकार किसी भी प्रकार से सुरक्षित नहीं हैं। साथ ही, कार्यालय का दिन-प्रतिदिन का कार्य सुचारू रूप से संपादित करना भी अत्यधिक कठिन हो गया है।
उक्त कार्यालय की छत बुरी तरह से क्षतिग्रस्त होने से इसके कभी भी गिरने की आशंका बनी हुई है, जिससे उस कमरे में बैठने वालों या आने वालों की जनहानि भी हो सकती है।

इस संबंध में जिला न्यायाधीश मेड़ता, माननीय अपर जिला एवं सेशन न्यायाधीश कुचामन सिटी, जिला कलक्टर डीडवाना-कुचामन, विशिष्ट शासन सचिव (विधि एवं विधिक कार्य विभाग), जयपुर को भी समय-समय पर पत्र लिखकर अवगत कराया गया है।
जिला कलक्टर द्वारा एस.डी.एम. कार्यालय को भी पत्र प्रेषित कर अवगत कराया गया, जिस पर सार्वजनिक निर्माण विभाग द्वारा ₹2.50 लाख का एस्टिमेट बनाकर दिसंबर 2024 में ही जिला कलक्टर को प्रेषित कर दिया गया, लेकिन आज दिन तक इस संदर्भ में कोई कार्यवाही नहीं हुई है।
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