राजस्थान राज्य के हाल ही में जारी हुए स्वच्छता सर्वेक्षण 2025 में कुचामन नगर परिषद को 123वीं रैंक प्राप्त हुई है, जो नगर की साफ-सफाई व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े करती है। यह स्थिति न केवल शर्मनाक है, बल्कि नगर की छवि के लिए खेदजनक भी है।

नगर परिषद के उपसभापति एवं सफाई समिति अध्यक्ष हेमराज चावला ने असंतोष व्यक्त करते हुए कहा कि कुचामन कस्बे की सफाई व्यवस्था को सुचारु रखने के लिए नगर परिषद के स्थायी सफाईकर्मियों एवं संसाधनों के अतिरिक्त, एक निजी फर्म को 130 सफाईकर्मियों का ठेका दिया गया है। साथ ही, कचरा संग्रहण के लिए एक अन्य निजी फर्म को ट्रैक्टर सहित सफाईकर्मियों का ठेका दिया गया है। इसके अलावा, घर-घर कचरा संग्रहण हेतु वी-वॉइस कंपनी को एक और ठेका दिया गया है। इन सभी व्यवस्थाओं पर प्रतिवर्ष करोड़ों रुपए खर्च किए जा रहे हैं।


चावला ने नगर परिषद के सफाई कार्यों के लिए उत्तरदायी स्थायी सफाईकर्मियों, निजी फर्मों और सफाई श्रमिकों की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठाते हुए कहा कि सभी को अंतिम चेतावनी नोटिस जारी किया गया है।
साथ ही, सफाई अव्यवस्था के लिए जिम्मेदार सरकारी कार्मिकों, सफाईकर्मियों एवं निजी फर्मों की जवाबदेही तय कर नगरहित में सख्त कार्रवाई की मांग सभापति व आयुक्त से की गई है।

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