Sunday, July 27, 2025
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नावां का पार्क उपेक्षा का शिकार, झूले टूटे, घास जली, जिम बेकार

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नावां: पार्क का नाम जुबां पर आते ही हरियाली, झूले, फव्वारे और पौधों का रमणीय स्थल मन में आता है। जहां पहुंचकर बुजुर्गों को सुकून और बच्चों को मनोरंजन मिलता है। लेकिन नावां नगरपालिका परिसर में स्थित शहर का एकमात्र पार्क अब डार्क में है।

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नगरपालिका में स्थित यह पार्क पालिका प्रशासन और जनप्रतिनिधियों की लापरवाही का शिकार बन चुका है। लाखों रुपए खर्च होने के बावजूद पार्क के झूले टूट चुके हैं और जगह-जगह कचरा फैला है।

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नावां के इस पार्क में अब बच्चे और महिलाएं आने से कतराते हैं। यह पार्क आमजन के लिए अनुपयोगी होता जा रहा है। शाम के समय यहां केवल नशेड़ियों का जमावड़ा रहता है। पालिका परिसर के इस पार्क और गांधी पार्क में शाम को शराबियों की भीड़ लगती है, जिन्हें पार्क से निकालना केवल एक चौकीदार के भरोसे संभव नहीं है।

करीब छह साल पहले पालिकाध्यक्ष सरिता गोधा के कार्यकाल में इस पार्क में ओपन जिम और झूले लगवाए गए थे।

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अब ओपन जिम की मशीनें और झूले टूट चुके हैं। साथ ही, पार्क की घास जल चुकी है, जिससे लोगों का यहां आने का मन नहीं करता। इसका मुख्य कारण पालिका प्रशासन द्वारा पार्क की अनदेखी करना है।

उद्यान के नाम पर जली हुई घास और कचरा

पार्क का अधिकांश हिस्सा उद्यान के रूप में विकसित किया गया है। अलग-अलग हिस्सों में घास लगाई गई थी, लेकिन अब अधिकांश घास जल चुकी है और पार्क में कचरा फैला रहता है। इसी कारण लोग घूमने या बच्चों के साथ समय बिताने के लिए पार्क में आना पसंद नहीं करते।

ओपन जिम की बिगड़ी सेहत – नगरपालिका ने आमजन की सेहत सुधारने के उद्देश्य से पार्क में ओपन जिम तैयार किया था। यह जिम शुरू तो हुआ, लेकिन अधिकतर मशीनें कुछ ही समय में क्षतिग्रस्त हो गईं। जिम में साइकिल सहित कई मशीनें लगाई गई थीं, जिनमें से कुछ टूट गईं और कुछ इतनी खराब हो गईं कि उनका उपयोग करना मुश्किल हो गया। कई बार यहां कसरत के लिए आने वाले बच्चे भी घायल हो चुके हैं।

टूटे झूले, तो कैसे आएं बच्चे

बच्चों के मनोरंजन के लिए पालिका द्वारा लगाए गए सभी झूले अब टूट चुके हैं। कुछ झूले क्षतिग्रस्त हैं, जिनसे आए दिन बच्चे चोटिल होते हैं, जबकि अधिकांश झूले पूरी तरह से टूटकर अलग हो चुके हैं। इसके चलते अब बच्चों का पार्क में आना बंद हो गया है। पालिका प्रशासन द्वारा पार्क की लगातार अनदेखी की जा रही है, जिसका सीधा असर आमजन की उपेक्षा में दिखाई दे रहा है।

खेल मैदान में पड़ा है कबाड़ – पालिका परिसर के पीछे एक मैदान है, जहां पहले युवा क्रिकेट, वॉलीबॉल सहित अन्य खेल खेलते थे। लेकिन अब इस मैदान में पालिका ने कबाड़ रखना शुरू कर दिया है, जिससे युवाओं का खेलना भी बंद हो गया है। मैदान में दर्जनों युवा वॉलीबॉल खेलते थे, उन्होंने वहां लाइट और नेट भी लगवाई थी। लेकिन अब कबाड़ जमा हो जाने से युवाओं का खेलना भी ठप हो गया है।

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