कुचामन शहर के लोगों और मातृ एवं शिशु चिकित्सा ईकाई बचाओ संघर्ष समिति ने राज्य मंत्री विजय सिंह चौधरी को ज्ञापन देकर एक अहम मांग रखी है।

इसमें कहा गया है कि मातृ एवं शिशु विंग (MCH विंग) को शहर से 7-8 किलोमीटर दूर बनाने की बजाय मौजूदा अस्पताल परिसर में ही बनाया जाए।


लोगों का कहना है कि वर्तमान जिला अस्पताल में पहले से ही ब्लड बैंक, ICU और विशेषज्ञ डॉक्टरों जैसी ज़रूरी सुविधाएं मौजूद हैं। इसलिए गर्भवती महिलाओं और बच्चों के इलाज के लिए यही स्थान सबसे सही है।
समिति ने यह भी कहा कि पुराने अस्पताल भवन की सार्वजनिक निर्माण विभाग (PWD) के सहायक अभियंता से जांच करवाई जाए, ताकि यह तय हो सके कि वहां निर्माण या मरम्मत का काम सुरक्षित रूप से हो सकता है। इसके बाद वहीं पर नए विंग का निर्माण या नवीनीकरण किया जाए।

ज्ञापन में यह भी मांग की गई है कि इस काम के लिए स्वीकृत 18 करोड़ रुपये के बजट का पूरा इस्तेमाल पुराने अस्पताल को बेहतर बनाने और ज़रूरी दवाइयां व उपकरण खरीदने में किया जाए। इससे शहर के बीचोंबीच ही अच्छी और आधुनिक चिकित्सा सुविधाएं मिल सकेंगी।
इसके अलावा समिति ने ट्रॉमा सेंटर को लेकर भी चिंता जताई है। उनका कहना है कि यह सेंटर शहर के बीच में होने से गंभीर घायलों को समय पर लाना मुश्किल होता है। भारी ट्रैफिक के कारण दुर्घटना के तुरंत बाद इलाज मिलना मुश्किल हो जाता है। इसलिए ट्रॉमा सेंटर को शहर के बाहर किसी हाईवे या बाइपास पर स्थानांतरित किया जाए, ताकि एक्सीडेंट के मरीजों को समय पर इलाज मिल सके।
ज्ञापन देने वालों में शामिल रहे –
कुचामन केमिस्ट सोसायटी अध्यक्ष श्रीपाल सिंह रसाल, प्रमोद खण्डेलवाल, मोहन राम कड़वा, देवी सिंह चौहान, नरेश जैन, सुरेंद्र सिंह अडाणी, राजू राम बुगालिया, रामनिवास कुमावत, सुरेश शर्मा, कल्याण सिंह, मुकेश शर्मा, राजेश कुमावत।
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