कुचामन सिटी. उपखंड क्षेत्र के किसानों ने अगेती बोई गई खरीफ फसल के अंकुरित होने के बाद खेतों में निराई-गुड़ाई का कार्य शुरू कर दिया है।

किसान सुबह से शाम तक खेतों में पसीना बहाकर फसल की देखभाल में जुटे हुए हैं। फसल के शुरुआती लक्षण अच्छे दिखाई दे रहे हैं और पौधे पूरी तरह से विकसित होकर खेतों में अंकुरित हो चुके हैं।


जिले में अधिकांश किसान पारंपरिक फसलों की खेती करते हैं, जिनमें मुख्य रूप से ज्वार, बाजरा, ग्वार, मूंग, मोठ, चवला, तिल, काकड़ी, मतीरा और मूंगफली शामिल हैं। किसानों ने बताया कि अच्छी बारिश के बाद फसल का अंकुरण बेहतर हुआ है, जिससे उनके चेहरों पर रौनक नजर आ रही है।
किसान परसाराम बुगालिया, रामनिवास बुरड़क, तीलोकाराम और बजरंगलाल बुगालिया ने बताया कि अगेती फसल खेतों में अच्छी तरह अंकुरित होकर बड़ी हो चुकी है। अब वे फसल की निराई-गुड़ाई कर उसमें खाद और यूरिया देने की तैयारी में लगे हुए हैं। उन्होंने बताया कि निराई-गुड़ाई के बाद फसल को पहला पानी मिलना जरूरी होता है, तभी पौधा पूरी तरह विकसित होकर अच्छा उत्पादन देता है।

किसानों ने यह भी बताया कि जिन क्षेत्रों में समय पर बारिश नहीं हुई, वहां अब तक खरीफ फसल की बुवाई नहीं हो सकी है। यदि आने वाले एक सप्ताह में बारिश नहीं हुई, तो शेष किसान खरीफ बुवाई से वंचित भी रह सकते हैं।
वहीं किसान श्रवणराम मेघवाल और रुघाराम बुगालिया ने बताया कि उन्होंने पछेती बुवाई की है, जिसे अंकुरित होने में अभी समय लगेगा। दूसरी ओर, अगेती फसल बोने वाले किसान अब खेतों में निराई-गुड़ाई करके खाद डालने का प्रयास कर रहे हैं।
फिलहाल जिन किसानों की फसल अंकुरित होकर तैयार हो चुकी है, उन्होंने खेतों में निराई-गुड़ाई का कार्य तेज़ कर दिया है। कई खेतों में बाजरे की फसल लहराती नजर आ रही है, जहां पुरुष और महिलाएं मिलकर खरपतवार की सफाई में जुटे हुए हैं।
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