
कुचामन सिटी. में बुधवार रात ठीक 7:30 बजे से ब्लैकआउट शुरू हो गया। यह ब्लैकआउट केंद्रीय गृह मंत्रालय के आदेश पर पूरे देशभर में आयोजित किया गया।

भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव को देखते हुए यह कदम एहतियातन उठाया गया, जिससे किसी भी आपात स्थिति में सुरक्षा तैयारियों का आकलन किया जा सके।


जैसे ही ब्लैकआउट शुरू हुआ, कुचामन सिटी में जोर-जोर से सायरन बजने लगे। इस अलर्ट के साथ ही लोग जहां थे वहीं रुक गए और माहौल एकदम गंभीर हो गया। पूरा शहर कुछ ही मिनटों में अंधेरे में डूब गया। कुचामन सिटी रेलवे स्टेशन, सरकारी भवनों, मुख्य सड़कों और सार्वजनिक स्थानों की बिजली पूरी तरह काट दी गई।
इस दौरान पुलिस और प्रशासन की टीमें पूरे शहर में तैनात रहीं। लोगों को पहले ही निर्देश दे दिए गए थे कि वे अपने घरों में रहें और बाहर न निकलें। प्रशासन ने स्पष्ट किया कि इस समय इमरजेंसी सेवाओं जैसे एंबुलेंस और फायर ब्रिगेड की गाड़ियों को कहीं भी रोका न जाए और उन्हें प्राथमिकता दी जाए।
शहर में कई जगहों पर स्कूलों और सार्वजनिक स्थानों पर मॉक ड्रिल की गई। स्कूलों में बच्चों को सिविल डिफेंस की जानकारी दी गई, और पुराने बस स्टैंड पर पुलिस ने आमजन को जागरूक किया। इस ब्लैकआउट का उद्देश्य युद्ध जैसी स्थिति में आम लोगों की तैयारियों और अनुशासन को परखना था।
प्रशासन ने लोगों से अपील की कि यदि किसी प्रकार की घटना या आपात स्थिति हो, तो तुरंत प्रशासन को सूचित करें, जिससे समय रहते उचित कार्रवाई की जा सके।
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