
कुचामन न्यूज: दीपपुरा गांव में एक शादी ने समाज में दहेज और टीका प्रथा के खिलाफ एक मजबूत संदेश दिया। सुमेरसिंह की ढाणी के राठौड़ परिवार ने बिना दहेज और बिना टीका के शादी कर समाज को एक नई दिशा दिखाई।

दरअसल, ग्राम दीपपुरा के सुमेरसिंह की ढाणी निवासी समाजसेवी एवं भामाशाह परिवार कुंदनसिंह राठौड़ के परिवार में पोता मधुराजसिंह राठौड़, पुत्र राजेंद्रसिंह राठौड़ की शादी जयपुर के पास ईटावा भधाल में दुल्हन दीप कंवर पुत्री भंवरसिंह शेखावत के साथ सम्पन्न हुई।


दीपपुरा से बारात लेकर राठौड़ परिवार जयपुर पहुंचा। शादी समारोह भव्य स्वागत और सम्मान के साथ शाही लवाजमे से हुआ। जब दूल्हे को दुल्हन पक्ष की ओर से टीके की रस्म की जा रही थी, तो दूल्हे व परिवार में दादा कुंदनसिंह राठौड़, पिता राजेंद्रसिंह राठौड़ सहित परिवार ने किसी भी तरह से टीका लेने और दहेज लेने से मना कर दिया।
नगद राशि लाखों रुपए टीका और दहेज लौटाकर कहा कि दहेज मुक्त शादी समाज में एक संदेश है। उन्होंने कहा कि आपने पढ़ी-लिखी वधु दी है, यह हमारा सौभाग्य है।
दोनों परिवारों के बीच हमेशा जीवनभर का रिश्ता है। दूल्हे के काका सोनूसिंह राठौड़ दीपपुरा ने बताया कि दहेज प्रथा और टीका प्रथा का बहिष्कार कर सामाजिक संदेश दिया है। इस मौके पर शादी समारोह में शामिल हुए सैकड़ों लोगों ने इस बिना टीका, बिना दहेज मुक्त शादी की सराहना की।
इस मौके पर ग्राम दीपपुरा में राजपूत समाज सहित सभी समाजों और लोगों ने बिना टीका, दहेज मुक्त शादी की सराहना करते हुए समाज में सामाजिक संदेश की बात कहीं। इस मौके पर ठाकुर कुंदनसिंह राठौड़, सवाईसिंह राठौड़, राजेंद्रसिंह राठौड़, नरपतसिंह, रघुनाथसिंह, महिपालसिंह सहित परिवार और राजपूत समाज के प्रतिष्ठित लोग मौजूद थे।
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