
कुचामन न्यूज: अपर सत्र न्यायाधीश सुंदरलाल खारोल की अदालत ने डोडा पोस्त तस्करी के 14 साल पुराने मामले में फैसला सुनाते हुए दो आरोपियों को 10-10 वर्ष के कठोर कारावास और एक-एक लाख रुपये के जुर्माने से दंडित किया है।

वहीं, एक आरोपी को संदेह का लाभ देते हुए दोषमुक्त कर दिया गया।


अपर लोक अभियोजक मनीष शर्मा ने बताया कि 23 दिसंबर 2010 को कुचामन सिटी थाना पुलिस को मुखबिर से सूचना मिली थी कि मोहनराम जाट निवासी राणासर अपनी होटल जम्मू हिमाचल पंजाब ढाबा राणासर बाईपास पर डोडा पोस्त रखता है। तलाशी के दौरान मोहनराम के पास से 15 किलो 100 ग्राम डोडा पोस्त बरामद हुआ। पूछताछ में उसने बताया कि वह यह माल अपने भाई गोविंदराम से मंगवाता है और सुखराम बगड़िया की ढाणी में छिपाकर रखता है।
पुलिस ने जब सुखराम पुत्र चुनाराम की ढाणी पर छापा मारा तो वहां से 19 किलो 500 ग्राम डोडा पोस्त बरामद हुआ। दोनों के पास न तो कोई लाइसेंस था और न ही कोई वैध परमिट।
प्रकरण में पुलिस ने 8/15 एनडीपीएस एक्ट के तहत मामला दर्ज कर अनुसंधान पूर्ण कर आरोप पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया। अभियोजन पक्ष की ओर से 28 गवाहों के बयान कराए गए और 37 दस्तावेज पेश किए गए।
सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद न्यायालय ने मोहनराम और सुखराम को दोषी करार देते हुए 10 साल के कठोर कारावास और एक लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनाई।
जुर्माना अदा नहीं करने पर दोनों को दो साल का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा। वहीं, तीसरे आरोपी गोविंदराम को संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया गया।
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