
कुचामन न्यूज: राजस्थान हाईकोर्ट ने गैंगस्टर आनंदपाल सिंह के छोटे भाई रूपेंद्र पाल सिंह उर्फ विक्की को 2015 के गुमानाराम मर्डर केस में बड़ी राहत दी है।

हाईकोर्ट ने 50 हजार के निजी मुचलके और 25-25 हजार की दो जमानतों पर रिहाई के आदेश दिए हैं। यह फैसला न्यायाधिपति कुलदीप माथुर की बेंच ने सुनाया।



दरअसल, 2014 में बीकानेर जेल में कुख्यात गैंगस्टर आनंदपाल सिंह पर हमला हुआ था, जिसमें दो हमलावरों के साथ उसके साथी बलवीर बानूड़ा की भी हत्या कर दी गई थी। इस घटना से जुड़े 2015 के गुमानाराम हत्याकांड में रूपेंद्र पाल पर आरोप लगाए गए थे। आरोप था कि गुमानाराम के भाई हनुमानाराम ने आनंदपाल पर हमला करने के लिए हथियार पहुंचाए थे, इसी रंजिश में गुमानाराम की हत्या कर दी गई।
8 साल तक जेल में रहने के बाद हाईकोर्ट ने पाया कि पुलिस इस मामले में रूपेंद्र पाल के खिलाफ कोई ठोस सबूत पेश नहीं कर पाई। 87 में से सिर्फ 36 गवाहों के बयान हुए और गवाह बार-बार अपने बयान बदलते रहे। यहां तक कि जांच अधिकारी भी गवाही के लिए पेश नहीं हुए। इसी आधार पर हाईकोर्ट ने अन्य अभियुक्तों, जितेंद्र सिंह और देवेंद्रपाल को मिली जमानत को ध्यान में रखते हुए और 8 वर्षों की लंबी न्यायिक हिरासत को देखते हुए जमानत मंजूर कर ली।
रूपेंद्र पाल सिंह पर डीडवाना, लाडनूं, जसवंतगढ़, सरदारशहर सहित कई जिलों में हत्या, अपहरण, मारपीट और आर्म्स एक्ट से जुड़े एक दर्जन से अधिक मामले दर्ज हैं। वह 2016 से पहले फरार था, लेकिन गिरफ्तारी के बाद से हाई-सिक्योरिटी जेल में बंद है। यहां तक कि 2017 में आनंदपाल एनकाउंटर के बाद दाह संस्कार में शामिल होने की भी उसे इजाजत नहीं दी गई थी। वर्तमान में वह दौसा के श्यालावास जेल में बंद है।
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