
कुचामन न्यूज: कृषिदूत विश्व विकास फाउंडेशन ने किसानों के लिए एक अनूठी पहल की है, जिसके तहत मुफ्त बायोचार वितरण कार्यक्रम शुरू किया गया है।

इस कार्यक्रम का उद्देश्य किसानों को प्राकृतिक और पर्यावरण-अनुकूल खेती के लिए प्रेरित करना है। बायोचार मिट्टी की उर्वरता बढ़ाने, जल संरक्षण में मदद करने और ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम करने में सहायक होता है।


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बायोचार एक कार्बन-समृद्ध पदार्थ है, जिसे जैविक अवशेषों जैसे लकड़ी, खाद, फसल अवशेष और अन्य ठोस जैविक अपशिष्टों को सीमित ऑक्सीजन में गर्म करके बनाया जाता है।
इस प्रक्रिया को पायरोलिसिस कहा जाता है, जिससे मिट्टी में कार्बन का भंडारण लंबे समय तक बना रहता है। इसके उपयोग से न केवल मिट्टी की संरचना में सुधार होता है, बल्कि सूक्ष्मजीवों की वृद्धि को भी बढ़ावा मिलता है, जिससे फसल उत्पादन में बढ़ोतरी होती है।
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फाउंडेशन द्वारा किए जा रहे इस प्रयास से किसानों को खेती में जलवायु परिवर्तन के प्रभावों से निपटने में मदद मिलेगी। बायोचार मिट्टी में नमी बनाए रखने में सक्षम होता है, जिससे सिंचाई की आवश्यकता कम हो जाती है।
इसके अलावा, यह नाइट्रस ऑक्साइड और मीथेन जैसे हानिकारक गैसों के उत्सर्जन को भी कम करता है, जिससे पर्यावरण पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
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कृषिदूत विश्व विकास फाउंडेशन का यह कार्यक्रम किसानों के लिए आर्थिक रूप से भी फायदेमंद साबित हो सकता है। मुफ्त बायोचार वितरण से छोटे और मध्यम स्तर के किसान अपनी खेती में सुधार कर सकेंगे, जिससे उनकी पैदावार और आय दोनों में वृद्धि होगी।