कुचामन न्यूज़: शहर में शनिवार को राज्यपाल के दौरे के बाद से ही स्थानीय लोगों में एक विषय चर्चा का केंद्र बना हुआ है।
यह चर्चा राज्य राजस्व मंत्री एवं नावां विधायक विजय सिंह चौधरी द्वारा राज्यपाल हरिभाऊ बागड़े को कुचामन को अलग जिला बनाने के लिए सौंपे गए ज्ञापन को लेकर हो रही है।
कुचामन के नागरिकों को राज्य मंत्री का यह व्यवहार रास नहीं आया। उनका कहना है कि यदि वास्तव में कुचामन को जिला बनाना था, तो इसके लिए मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को सीधे ज्ञापन सौंपा जाना चाहिए था। राज्यपाल, जिनकी इस विषय में कोई भूमिका नहीं है, उन्हें सिर्फ अपनी पब्लिसिटी के लिए ज्ञापन सौंपना कितना उचित है?
इस मुद्दे पर लोगों ने सोशल मीडिया पर भी अपनी प्रतिक्रियाएँ दीं। एक यूजर दीप वर्मा ने लिखा, “राज्यपाल महोदय को ज्ञापन न देकर सीधा मुख्यमंत्री महोदय को देना चाहिए था।”
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वहीं, एक अन्य यूजर ने टिप्पणी कि “जिले में राज्यपाल की क्या भूमिका? मंत्री हो आप, सीधा CM से मिलकर करो बात।”
जनता स्पष्ट रूप से चाहती है कि राज्य मंत्री अपनी ओर से कुचामन को जिला बनाने के लिए पूरी गंभीरता और प्रयास दिखाएँ, ताकि आने वाले समय में कुचामन प्रदेश के विकास में योगदान दे सके।
लोग चाहते हैं कि यहां नए प्रोजेक्ट शुरू हों, जिससे तरक्की के नए रास्ते खुलें, स्थानीय निवासियों को अच्छी नौकरियां मिलें और उनका जीवन स्तर ऊँचा उठे। कुचामन की भूमि को केवल राजनीतिक फायदे के लिए इस्तेमाल करने के बजाय, नागरिकों के वास्तविक विकास के लिए कार्य किया जाना चाहिए।
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भजनलाल सरकार द्वारा पूर्व में घोषित नए जिलों को निरस्त करने के बाद से कई जिलों को पुनः बहाल करने की मांग को लेकर आंदोलन चल रहे हैं। कुचामन के निवासियों की भी यह इच्छा रही है कि जिला मुख्यालय डीडवाना के बजाय कुचामन को बनाया जाए, जिससे यहां के विकास की दिशा को गति मिले।
फिलहाल जो बड़ा आंदोलन चल रहा है। वह सीकर को संभाग बनाने और नीमकाथाना को पुनः जिला बनाने की मांग को लेकर है। इस संघर्ष में वकीलों से लेकर आम जनता तक ने हिस्सा लिया है, और इसके तहत कुचामन-डीडवाना-कोटपुतली हाईवे को भी जाम किया गया था।
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जिला कुचामन बने या नहीं बनी आम जनता के विकास में इससे कोई फर्क नहीं पड़ता मैं तो कहता हूं सिंचाई के लिए नहर का पानी हमारे क्षेत्र में आना चाहिए असली विकास तो वही होगा जय हिंद जय जवान जय किसान