Friday, November 22, 2024
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वाल्मीकि समाज के साथ सफाईकर्मी भी कार्य का बहिष्कार कर बैठे धरने पर

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विमल पारीक. कुचामनसिटी। सफाई कर्मचारी भर्ती में सफाई कर्मचारी बढाकर 150 करने व भर्ती में वाल्मीकि  समाज को ही नियुक्ति देने समेत अन्य मांगों को लेकर वाल्मीकि समाज के साथ सफाईकर्मी भी नगरपरिषद के सामने हड़ताल पर बैठे हैं। इधर आयुक्त श्रवणराम चौधरी ने बताया कि यह भर्ती राज्य सरकार की ओर से निकली जा रही है। समाज का मांग पत्र सरकार के पास भेज दिया गया है। हम सब वाल्मीकि समाज के साथ है। सफाईकर्मियों के पद बढ़ने चाहिए।

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पार्षद फूलचंद गूंद ने बताया कि 21/04/2023 को जो राजस्थान सरकार द्वारा 13164 पदो की विज्ञप्ति जारी की गई जिसमे से कुचामन नगर परिषद को केवल 24 पद दिये गये। यह पद नगर परिषद के आधार पर बहुत कम है। वाल्मीकि समाज की मांग है कि सफाई कर्मचारियों की भर्ती में 150 पदो की मांग पूरी की जाये। वाल्मीकि समाज का प्रत्येक परिवार जन्म से ही सफाई कार्य कर रहा है। हमारे समाज को सफाई कार्य के लिये किसी प्रकार के अनुभव प्रमाण पत्र की आवश्यकता नही है। सफाई कर्मचारी भर्ती 2023  में आरक्षण हटवाकर वाल्मिकी समाज को प्राथमिकता दी जाए। सफाईकर्मचारी के पद हेतु शैक्षणिक योग्यता समाप्त की जाए। सफाई कर्मचारी भर्ती मे ऑनलाईन आवेदन की जगह ऑफ लाईन आवेदन किया जाए। जन आधार कार्ड की अनिवार्यता को समाप्त की जावे। इन मांगों को लेकर समाज के लोग व कर्मचारी पूरे दिन धरने पर बैठे रहे।
वाल्मीकि समाज की जायज मांगे- भाजपा

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स्थानीय वाल्मीकि समाज ने 25 अप्रेल को ज्ञापन देकर धरने की चेतावनी दी थी। इस मामले में आयुक्त श्रवणराम चौधरी ने 25 अप्रेल को ही आदेश जारी किया और कार्रवाई की चेतावनी दी थी। यह अत्यंत दुखद है कि कर्मचारी और समाज अपने अधिकारो की मांग भी उठा सकता क्या? आयुक्त को इस तरह सफाई कर्मचारियों को धमकी देना अनुचित है। जबकि वाल्मीकि समाज की ओर से पूरे प्रदेश में सफाईकर्मी भर्ती का मुद्दा उठाया जा रहा है। वाल्मीकि समाज के इस धरने को भाजपा का भी समर्थन है और नेता प्रतिपक्ष अनिलसिंह मेड़तिया भी धरने पर वाल्मीकि समाज के साथ बैठे हैं। इस मौके पर मेड़तिया ने परिषद की ओर से शुरू की गई ठेका सफाई प्रथा का भी विरोध किया है। ठेका पद्दति से वाल्मीकि समाज के हितों पर कुठाराघात हो रहा है। वाल्मीकि समाज नवीन भर्ती प्रक्रिया अपनाकर सफाई कर्मचारी बढाने की मांग कर रहा है। जबकि परिषद के स्थाई कर्मचारियों को रेन बसेरा और अन्यत्र कार्यों के लिए लगा रखा है। जबकि पहले स्थाई कर्मचारियों से सफाई कार्य करवाना चाहिए। जिससे शहर की सफाई कार्य भी बाधित हो रहा है।

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